खबर किच्छा से है 👉
चीनी मिल में अधिकारियों की मनमानी व कुप्रबंधन के खिलाफ विधायक राजेश शुक्ला ने रोष व्यक्त किया है।
उन्होंने मिल अधिकारियों के खिलाफ जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही की मांग की है। उन्होंने शासन को भेजे शिकायत पत्र में 13 बिंदुओं को उठाया है।
भेजे गए शिकायत पत्र में विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि उत्तर प्रदेश के समय से किच्छा चीनी मिल की गिनती प्रदेश की सबसे अच्छी मिल के रूप में होती रही है। पिछले पेराई सत्र तक सबसे पुरानी चीनी मिल होने के बावजूद अधिकतम रिकवरी व न्यूनतम ब्रेकडाउन के लिए विख्यात भी रही है। लेकिन वर्तमान में पेराई सत्र की शुरुआत से ही मिल में घोर अनियमितताएं, कुप्रबंधन, अनुभवहीनता एवं भ्रष्टाचार के कारण मिल को नुकसान उठाना पड़ा है। जिसका खामियाजा गन्ना किसानों को भी भुगतना पड़ा है।
सत्र के दौरान सक्षम अधिकारियों की लगातार अनुपस्थिति होने के कारण मिल के हालात बुरे होते जा रहे हैं। पेराई सत्र का अंत आ चुका है लेकिन क्षेत्र में 10 से 15 प्रतिशत किसानों का गन्ना पर्ची ना मिलने के कारण खेतों में सड़ रहा है। उचित समय पर मेंटेनेंस ना होने के कारण लगातार ब्रेकडाउन भी हो रहे हैं। जिससे बॉयलर एवं अन्य संबंधी मशीनों में भी खराबी आ रही है। इस पेराई सत्र के शुभारंभ के अगले दिन ही मिल बंद रही। कई बार लिखित व मौखिक शिकायत भी की गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गयी। इसको लेकर जांच के आदेश करने की मांग को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। उन्होंने 13 मुख्य बिंदुओं में मिल में तकनीकी बंदी पिछले पेराई सत्र की तुलना में ज्यादा क्यों हो रही है? मेंटेनेंस में खर्चा बचाने के नाम पर गुणवत्ता से समझौता क्यों किया गया? स्पेयर पार्ट्स के अभाव में ब्रेकडाउन में मिल जल्दी से सुचारू रूप से चलाई नहीं जा रही ऐसा क्यों? क्या मिल का निरीक्षण सक्षम अधिकारी द्वारा निर्मित रूप से किया गया? तथा इस संबंध में उनकी जांच का क्या अभिमत रहा? व क्या निर्णय लिया गया? क्या हर वर्ष पेराई सत्र के अंत में बचने वाली लगभग डेढ़ से दो करोड़ की बगाज इस बार क्यों नहीं बची? इसका जिम्मेदार कौन? बॉयलर के प्रेशर कम होने से जुड़ी टरबाइन के बार-बार रुकने से घटा विद्युत उत्पादन व बाधित पराई होने से उत्पादन कम होने मिल की क्रशिंग प्रभावित हुई है क्या इसका कारण? बॉयलर का खराब मेंटेनेंस गन्ना सोसायटी व बाहरी किसानों को अत्यधिक इंडेंट देने के कारण मूल स्थानीय किसानों को कम इंडेंट, कम पर्ची मिल रही है इसका क्या कारण है? मिल में स्थाई कर्मचारी होने के बावजूद संविदा पर मुख्य लेखाधिकारी क्यों रखा गया? मिल में लेबर ठेकेदार जो कि आवश्यकता अनुसार श्रमिक उपलब्ध कराने में विफल रहे हैं उन्हें लगातार ठेका क्यों दिया गया? एक मजदूर को चार मशीनों पर काम देने से कार्य क्षमता, उत्पादकता दोनों ही कम हो रही है इसका जिम्मेदार कौन? मेंटेनेंस खराब होने से बॉयलर की चिमनी से अधिक प्रदूषण हो रहा है इसकी जवाबदेही तय क्यों नहीं हुई? मिल कर्मियों को ओवरटाइम एवं मेडिकल भुगतान क्यों नहीं दिया गया? मिल के बाधित संचालन, पर्चियां ना मिल पाने के कारण मिल के मूल किसानों (किच्छा क्षेत्र) का वंचित गन्ना कब तक लिया जाएगा? विधायक ने उक्त सभी शिकायतों के लिए मिल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि बार-बार ब्रेकडाउन के कारण मिल को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। अतः उक्त बिंदुओं का संज्ञान लेते हुए जांच कराकर व्यापक कृषक हित में प्रभावी कार्यवाही की जाए।