आज हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) के सातवें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जी को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक तथा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल की उपस्थिति में कुलाधिपति गढ़वाल विश्वविद्यालय श्री योगेंद्र नारायण के हाथों डॉक्टरेट मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के घीड़ी गॉव के मूल निवासी हैं भारत के जेम्सबॉन्ड कहे जाने वाले NSA अजीत डोभाल।
गढ़वाल विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह की शुरुआत वंदे मातरम से हुई।
इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ निशंक ने कहा की डिग्री साध्य है साधन नहीं है। हमें मंजिल पार करते रहना चाहिए। मंजिलों पर ठहराव नहीं होता। हमारा उत्तराखंड देवभूमि है , वीर भूमि है । यहां के लोगों ने प्रथम विश्वयुद्ध से लेकर आज तक शौर्य गाथाएं लिखी हैं। उन्होंने कहा कि श्री डोभाल ने उत्तराखंड का नाम देश में ही नहीं अपितु विश्व में प्रसिद्ध किया है।
एनएएसी श्री अजीत डोभाल ने कहा की योद्धा कभी हार नहीं मानता। रस की राह में कभी ठहरा नहीं होना चाहिए, योद्धा को हमेशा गतिमान रहना चाहिए।
कुलाधिपति डॉक्टर योगेंद्र नारायण ने कहा कि विश्वविद्यालय का रक्षा विभाग बेहद महत्वपूर्ण विभाग है। हमें ऐसे ही और सुदृढ़ करना है। इसे डिफेंस स्ट्रेटजी स्टडीज के नाम से जाना जाना चाहिए और आगे इस नाम से एक स्कूल का भी प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां इस देवभूमि में अनेकों प्रतिष्ठित लोगों , देश का गौरव बढ़ाया उन सभी को मेरा नमन। कुलाधिपति ने कहा विश्वविद्यालय की ज्ञान ऊर्जा को और अधिक बताए जाने पर बल दिया जाएगा जिससे विश्वविद्यालय देश की टॉप 10 यूनिवर्सिटीज में शामिल हो।
दीक्षांत समारोह में हिमालई राज्यों के कुलपति भी शामिल हुए। विभिन्न राज्यों के कुलपतियों की केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक के साथ एक मीटिंग भी आयोजित की गई।
दीक्षांत समारोह के अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल ने विश्वविद्यालय की रूपरेखा तथा 1 वर्ष की उपलब्धियों पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी एवं दीक्षार्थियों को बधाई दी।
दीक्षांत समारोह में कुल 1465 दीक्षार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई