स्थानीय लोगों के हक – हकूक सुरक्षित रखते हुए ही बनेगा यात्रा परिषद–आचार्य मंमगाई

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चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष कथावाचक पं शिवप्रसाद मंमगाईं ने कहा कि हम अपने प्रदेश में तीर्थ स्थलों की यात्रा के सुप्रबंधन हेतु जो परिषद गठन करें उसमें ध्यान रखा जाए कि स्थानीय लोगों के हक हकूक अक्षुण्ण रहें। इस परिषद का नाम यात्रा विकास परिषद हो सकता है जिसके एक्ट में श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर मंदिर समिति के एक्ट के अंश अवश्य शामिल किए जा रहे हैं। इसके अलावा अन्य मंदिरों की व्यवस्थाओं के भी कुछ अंश शामिल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी परिषद के गठन की पहल कर रहे हैं जिसमें प्रदेश के समस्त धार्मिक स्थलों के प्रबंधन को संचालित करने वाले पंडित अथवा समितियों के अधिकार व उनकी व्यवस्थाएं सुरक्षित रहें, उनसे किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ ना हो।

पंडित मंमगाईं जी ने बताया कि हम देश के बड़े धार्मिक स्थलों वैष्णो देवी मंदिर तथा तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रबंधन की जानकारी लेने जाएंगे परंतु वहां की तर्ज पर श्राइन बोर्ड नहीं बनाएंगे।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्रमुख धार्मिक स्थलों के प्रबंधन व सुविधाओं के सुप्रबंधन हेतु बोर्ड बनेगा। उसमें। निम्न बिंदुओं को सर्वोपरि रखा जाएगा,,,—-

  • श्री बदरीनाथ – केदारनाथ समिति और यमुनोत्री व गंगोत्री मंदिर समिति या पूर्ववत ही अपनी गतिविधियां संचालित करती रहेंगी।
  • चारों धामों के कपाट खुलने की पौराणिक व्यवस्थाओं को, जब सूचना प्रसारण की व्यवस्था नहीं होती थी और दरवाजे खटखटा कर कपाट खुलने की सूचना दी जाती थी , को ध्यान में रखकर परंपराओं से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
  • हरिद्वार से लेकर बद्रीनाथ तक व उत्तरकाशी से लेकर पिथौरागढ़ तक समस्त धार्मिक स्थलों तक केंद्र की योजनाओं का लाभ पहुंचाना यात्रा परिषद का मुख्य उद्देश्य होगा। परिषद के माध्यम से अवस्थापना विकास /ढांचागत निर्माण कार्य कराए जाएंगे।
  • जागेश्वर धाम, बागेश्वर धाम, सेम नागराजा, लाखामंडल, महासू देवता , कमलेश्वर मंदिर जैसे अनेकों देव स्थलों को विकसित व इनकी मान्यताओं को प्रचारित प्रसारित किया जाएगा।
  • इस विषय पर विशेष ध्यान दिया जाएगा कि शीतकाल में जिन स्थानों पर चारों धामों की मूर्तियां रखी जाती हैं वहां अधिकाधिक यात्री पहुंचें व उन्हें उचित सुविधाएं मिल पायें ।
  • स्थानीय लोगों को रोजगार कैसे मिले और कैसे वहां यात्रा का अधिकाधिक लाभ ले पाए ,स्थानीय उत्पादों का विक्रय हो पाए। स्थानीय लोगों की आर्थिकी को बढ़ावा देना परिषद का मुख्य मकसद है।
  • राजनेता या कोई अन्य कई मंचों या मीडिया के सामने आधी अधूरी जानकारी के साथ श्राइन बोर्ड बनाने की बात या कोई अन्य बात कह रहे हैं वहां गलत है। इस पर अंकुश लगना चाहिए।

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