*त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के सराहनीय प्रयास ,,,,पार्ट-2 👉👉👉👉👉👉क्षेत्र पंचायत सदस्य निभा रहे प्रधान की भूमिका,, प्रमुख प्रदीप ग्रामीणों और कोरोना वारियर्स का ध्यान रख रहे,,, तो प्रमुख नामधारी ने असहायों के एक 1 साल के राशन का जिम्मा भी उठाया,,, साथ ही प्रधानों की भूमिका पर प्रसून का लेख*

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जनपद रुद्रप्रयाग के अंतर्गत विकासखंड जखोली के क्षेत्र पंचायत प्रमुख जी श्री प्रदीप थपलियाल भी निरंतर क्षेत्रवासियों को सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं

उन्होंने कोरोना संक्रमण की रोकथाम व नियंत्रण के लिए विकासखंड जखोली के समस्त क्षेत्र पंचायत सदस्यों के सहयोग से सभी 108 ग्राम पंचायतों में इन्फ्रा रेड थर्मामीटर, सेनिटाइजर व मास्क वितरित किए हैं।

उन्होंने कहा कि गांवों में बाहरी प्रांतों से घर वापस लौट रहे प्रवासी लोगों की सुविधा को ध्यान रखते हुए कोविड – 19 की प्रारम्भिक जांच के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में इन्फ्रा रेड थर्मामीटर, सेनिटाइजर व मास्क उपलब्ध करवाये जा रहे हैं।ब्लाक प्रमुख ने जनपद मुख्यालय में भी बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों को अपने निजी होटल ज्वालपा पैलेस में ठहरने व खाने की निशुल्क व्यवस्था उपलब्ध कराई है।

निरंतर गरीब असहाय लोगों की मदद में जुटे हैं ब्लॉक प्रमुख जी खटीमा,,, सीलिंग में जमीने गंवा चुके असहाय परिवारों के 1 साल के राशन का जिम्मा भी उठाया है

जनपद उधम सिंह नगर के अंतर्गत खटीमा विकासखंड के प्रमुख जी श्री रंजीत सिंह नामधारी निरंतर गरीबों व असहाय लोगों की मदद में जुटे हुए हैं। वह ग्रामीणों को राशन इत्यादि आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करा रहे हैं

बाहर से आए हुए प्रवासियों क्वॉरेंटाइन सेंटर में प्रमुख नामधारी द्वारा मच्छरदानी टॉयलेट क्लीनर बिस्किट इत्यादि उपलब्ध कराई जा रही है

इनके पिता और सांसद प्रतिनिधि श्री साधु सिंह नामधारी द्वारा सीलिंग में अपनी जमीन ए गंवा चुके 12 गरीब व असहाय परिवारों को गरीबों 1 वर्ष तक मुफ्त राशन देने का आश्वासन दिया गया है। इस कड़ी मेंशुरुआत में प्रत्येक परिवार को 20 किलो आटा तथा 20 किलो चावल के साथ ही अन्य सामग्री उपलब्ध कराई गई

कनिष्ठ प्रमुख शैलेंद्र सिंह कोटवाल निभा रहे ग्राम प्रधान का दायित्व

जनपद रुद्रप्रयाग के अंतर्गत ऊखीमठ ब्लॉक के ग्राम सांकरी पोस्ट गुप्तकाशी में ग्राम प्रधान पद पर चुनाव ना होने के कारण पद रिक्त है ऐसे में कनिष्ठ प्रमुख इस गांव के निवासी शैलेंद्र सिंह कोटवाल तथा निगरानी समिति इस वक्त प्रवासी ग्रामीणों की सुख सुविधा का ध्यान रख रहे हैं

यहां क्वॉरेंटाइन किये गये लोगों की अच्छी तरह से देखभाल हो रही है।

ग्रामीण हर संभव मदद दे रहे हैं। क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों को अलग अलग स्थानों पर रखा गया है जैसे👉
ग्रीन जोन से आने वालों को ज्यादातर होम क्वावारन्टीन किया गया है ,,दिल्ली से आये कुछ लोगों को रुद्रप्रयाग में ही क्वावारन्टीन किया गया है और अन्य जो गांव में आए उन्हें पंचायत भवन में अलग से रूम में रखा गया है । जिसमें सभी सुविधायें हैं।देहरादून से आए लोगों को अलग से रखा गया है

कुछ उत्तराखंड के अन्य ग्रीन जोन जिले से आये लोग प्राथमिक स्कूल में रखे गए हैं। चंडीगढ़ और दिल्ली वाले लोग अपना अपना खाना खुद बना रहे हैैं, इनकी पूरी देख रेख निगरानी समिति की निगरानी में हो रही है तथा पूरे गांववासी सहयोग कर रहे, आशा कार्यकत्री आंगनबाड़ी कार्यकत्री,डॉक्टर इनकी तबियत पूछने आते रहते हैं।

जनपद पौड़ी के अंतर्गत द्वारीखाल विकास खंड मैं स्थित सौड़ ग्राम पंचायत के प्रधान श्री प्रसून नेगी ने ग्राम प्रधानों की भूमिका तथा व्यथा पर एक वास्तविक लेख लिखा है👉👉👉

आजकल जब भी किसी का मोबाइल नम्बर डायल करो तो सबसे पहले कोरोना की डायल टोन सुनाई देती है जिसमें डॉक्टर, नर्स, पुलिस व सफाई कर्मचारियों को कोरोना का योद्धा कहकर उनके काम को इज्जत बख्शी जाती है व उनकी हौसला अफजाई की जाती है। बहुत वाजिब बात है ये लोग दिन रात अपनी जान की बाजी लगाकर असली में कोरोना से जंग लड़ रहे हैं।

लेकिन सरकार ने व प्रशासन ने ये कभी नहीं सोचा कि एक योद्धा गाँवों में भी है जो सभी बिषम परिस्थितियों के बावजूद बिना किसी हथियार या संसाधनों के जमीनी स्तर पर सबसे आगे की लाइन में कोरोना से खतरनाक जंग लड़ रहा है—-
वह हैं गांव के प्रधान जी

जब लोग दिन में तीन बजे या रात को बारह बजे सो रहे होते हैं तो प्रधान सड़क पर बाहर से आने वालों को रिसीव कर के कोरिन्टेन सेंटर ले जा रहा होता है।

जब लोग खाना खा रहे होते हैं तो प्रधान कोरिन्टेन सेंटर की सफाई व बिजली पानी का इंतजाम करा रहा होता है, आने वालों के शपथ पत्र व रिपोर्ट बना कर प्रशासन को भेज रहा होता है।

जब लोग आराम से टीवी देख रहे होते हैं तो प्रधान आने वाले लोगो की खबर ले रहा होता है कि कहाँ से आ रहे हैं कहाँ तक पहुँचे हैं और कब तक गांव पहुचेंगे। उनके रहने की जगह कौन सी होगी इसका जुगाड़ कर रहा होता हूं।

जब लोग कोरोना के बहाने खुराफात की नेतागिरी के मुद्दे सोच रहे होते हैं और प्रधान को घेरने की साजिश रच रहे होते हैं तो उस समय प्रधान उनकी गन्दी राजनीति से निपटने की रणनीति बना रहा होता है।

जब लोग बाहर से आने वालों को उतरते देखकर ये सोचकर दूर जा रहे होते हैं कि ये कोरोना वाले आ गए कहीँ हमपर बीमारी न फैला दें, उस वक्त प्रधान रिस्क लेकर उनके कोरिन्टेन रूम में जाकर उनकी ब्यवस्था करके उनकी फोटो ले रहा होता है और उनसे शपथ पत्र पर हस्ताक्षर ले रहा होता है।

अफसोस कि बिना किसी संसाधन के बिना किसी मेहनताना के इतनी निस्वार्थ सेवा के बावजूद जनता से तो सिर्फ गाली व ताने ही मिलते हैं पर सरकार व प्रशासन की तरफ से एक शब्द भी हौसला अफजाई का नही सुनने को मिलता। उल्टा लोग तो यही सोचते हैं कि ये प्रधान जो इतना कुछ कर रहे हैं, जरूर सरकार से इनको ये सब इंतजाम करने के लिए मोटा फंड मिला होगा जो कि ये लोग हजम करने वाले हैं। चलो जनता तो जो सोचे उसकी हमे परवाह भी नही पर सरकार ने तो इन योद्धाओं की कदर करनी चाहिए। कभी तो शाबाशी में इनका नाम भी ले लेना चाहिए।

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