ऋषिकेश से आकांक्षा की रिपोर्ट
त्रिवेणी घाट उत्तराखंड राज्य के ऋषिकेश में हिमालय पर्वतो के तल में बसा एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। पुजारी जी के अनुसार, ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर तीन प्रमुख नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है, जिसकी वजह से यह स्थल त्रिवेणी घाट के नाम से जाना जाता है। एक छोटा सा नाला आकर त्रिवेणी घाट पर आकर मिलता है, जिसे सरस्वती नाला कहा जाता है, लेकिन यमुना जी के लिए क्यों कहा जाता है, यह पता नहीं चल पाया।
वैसे ऋषिकेश में गंगा जी के साथ चंद्रभागा नदी का संगम होता है, जो अब मृतप्राय सी हो गयी है, यह अब बरसात के मौसम में ही दिखती है। त्रिवेणी घाट अपनी अद्भुत गंगा आरती के लिए जाना जाता है। यह आरती प्रतिदिन शाम 6:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक आयोजित की जाती है। सर्दियों में समय में थोड़ा परिवर्तन भी हो सकता है। पुजारी अपनी पारंपरिक वेशभूषा में मंत्रों के जाप के साथ आरती का शुभारंभ करते हैं।
चारों ओर घंटियों और ढोल की आवाज गूंजने लगती है जो कि पूरे वातावरण को मनमोहक बना देती है। भारत के अलग-अलग क्षेत्रों से लोग यहां दर्शन करने के लिए आते हैं। गंगा में आरती करने से सभी जनों की मनोकामना पूरी होती है और संपूर्ण शांति का अनुभव होता है। अब यहाँ गंगा आरती को प्रायोजित भी किया जाने लगा है, कोई चाहे तो किसी दिन की आरती को अकेले, या एक से अधिक लोग मिलकर प्रायोजित कर सकता है।