*बड़ी खबर 👉👉👉विधानसभा से निष्कासित कर्मचारियों के मामले में माननीय हाईकोर्ट का बड़ा फैसला*

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विधानसभा से हटाए गए तदर्थ कर्मचारियों को झटका, सिंगल बैंच के आदेश पर रोक।

उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय में नियुक्त अस्थाई कर्मचारियों  को हटाया गया है। नैनीताल हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय के बर्खास्त कर्मचारियों की अपील पर गुरुवार को सुनवाई की। मामले में कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष के बर्खास्तगी के आदेश सही ठहराते हुए एकलपीठ के बर्खास्तगी के आदेश पर रोक को गलत ठहराया। जिसके बाद अब अस्थायी कर्मचारी बर्खास्त ही माने जाएंगे।

मिली जानकारी के मुताबिक विधानसभा से तदर्थ कर्मचारियों को हटाने के आदेश पर हाईकोर्ट की सिंगल बैंच द्वारा रोक लगाने संबंधी आदेश को हाईकोर्ट की डबल बैंच ने आज निरस्त कर दिया है।

इस फैसले के खिलाफ ये कर्मचारी हाईकोर्ट गए। हाईकोर्ट में न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने विधानसभा सचिवालय से हटाए गए कर्मचारियों की बर्खास्तगी पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी थी। इस आदेश के खिलाफ सरकार डबल बैंच में गई थी। गौरतलब है कि हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने तदर्थ कर्मियों को हटाए जाने को गलत बताते हुए स्टे दे दिया था। एकल वेंच के स्टे सम्बन्धी फैसले के विरोध में विधानसभा प्रशासन ने डबल बेंच में अपील की थी।

इस अपील पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर ऋतु खंडूडी के फैसले को सही ठहराते हुए स्टे खारिज कर दिया। उल्लेखनीय है कि पूर्व आईएएस कोटिया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के बाद विस अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी ने सितम्बर माह में 2016 से 2021 तक विधानसभा में नियुक्त हुए 200 से अधिक तदर्थ कर्मियों को हटा दिया था।

इस फैसले के विरोध में तदर्थ कर्मी हाईकोर्ट से स्टे ले आये थे। लेकिन उन्हें विधान सभा में जॉइन नहीं करवाया गया। आज हाईकोर्ट की डबल बेंच ने स्टे पर रोक लगाते हुए तदर्थ कर्मियों को झटका दे दिया।

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