सचिव उत्तराखंड शासन द्वारा विद्यालय में मध्यान भोजन योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु भोजन माताओं के चयन करने उनके कार्यों से पृथक किए जाने व सेवा कार्यो को लेकर नया आदेश जारी किया गया है।
सचिव उत्तराखंड शासन मनीषा पंवार की ओर से राज्य परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान उत्तराखंड देहरादून को जारी पत्र में आदेश क्रियान्वयन करने हेतु निर्देशित किया गया है।
मध्यान भोजन योजना के सफल क्रियान्वयन भोजन माता के चयन पृथक्करण एवं उनके कार्य दायित्वों को लेकर दिशा निर्देश ।
-विद्यालयों में भोजन माता को सर्वसम्मति से चयनित करने तथा उन्हें कार्य से पृथक करने का समस्त उत्तरदायित्व विद्यालय प्रबंधन समिति शिक्षक अभिभावक एसोसिएशन का होगा।
-भोजन माता का चयन विद्यालय प्रबंध समिति शिक्षक अभिभावक एसोसिएशन के द्वारा ऐसी गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यपन करने वाली महिला जिसका पालनपुर से विद्यालय में सबसे निचली कक्षा में अध्ययनरत हो से किया जाएगा।
-अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अथवा अल्पसंख्यक वर्ग की महिला का पहले भी यदि अध्ययनरत हो तो उन्हें चयन में वरीयता प्रदान की जाए।
-ऐसे स्थान जहां विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों की माताएं भोजन माताओं के रूप में कार्य करने के लिए उपलब्ध सहमत ना हो तो ऐसे स्थान के गांव की अन्य महिला जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली विधवा अथवा परित्या हो या गांव में गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं में से सर्वसम्मति से भोजन माता का चयन किया जाए।
विद्यालयों में भारत सरकार के दिशा निर्देशों के आधार पर जारी छात्र संख्या के मानकों के अनुसार ही भोजन माताओं का चयन किया जाए
-छात्र संख्या 01 से 25 तक -01
-छात्र संख्या 26 से 100 तक 02 (भोजन माताएं परंतु दूसरी भोजन माता का चयन 50 छात्र संख्या के उपरांत ही किया जाएगा)
-छात्र संख्या 101 से 200 तक-03 (तीसरी भोजन माता का चयन 150 छात्र संख्या के उपरांत ही किया जाएगा)