मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई

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देहरादून 05 जून, 2019
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सुभाष रोड स्थित एक स्थानीय होटल में वन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी दिलाई।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि भारतीय संस्कृति अरण्य (वनों) की संस्कृति रही है। भारत में पर्यावरण के प्रति लोगों में काफी पहले से चेतना का संचार हो गया था। राजस्थान में पेड़ों की रक्षा के लिए लगभग 300 साल पहले चिपको आन्दोलन हुआ। उत्तराखण्ड में भी गौरा देवी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए चिपको आन्दोलन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण विश्व के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। विश्वभर में लाखों लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। गत वर्ष रिस्पना व कोसी नदी पर वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया गया। नए बांधों व झीलों के निर्माण की दिशा में सरकार काम कर रही है। सूर्यधार, सौंग व मलढ़ूग बांध बनाये जा रहे हैं। आने वाले समय में देहरादून को इनसे पूर्ण ग्रेविटी वाटर उपलब्ध होगा। पौड़ी, गैरसैंण अल्मोड़ा आदि जगहों पर झीलें बनायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ पर्यावरण व पानी उपलब्ध हो, इसके लिए हमें जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में भी विशेष ध्यान देना होगा। वर्षा जल संरक्षण करना जरूरी है। पर्यावरण संरक्षण के लिए जन सहभागिता का होना अति आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को सभी विभागों से सहयोग लेना होगा। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधियों के अलावा विभागाध्यक्षों से भी वृक्षारोपण में सहयोग लिया जाये। जिससे लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति और जागरूकता बढ़े।
वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए विश्वव्यापी पहल जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत जैव विविधता वाला देश है। भारत की जैव विविधता में 28 प्रतिशत योगदान उत्तराखण्ड का है। पर्यावरण संरक्षण का जो संदेश उत्तराखण्ड से जाता है इसका प्रभाव सम्पूर्ण विश्व पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हम सबको अपनी जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए। पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत व स्वस्थ भारत व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के स्वच्छ व स्वस्थ उत्तराखण्ड के सपने को हम सबको मिलकर पूरा करना होगा।
मेयर श्री सुनील उनियाल गामा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण व स्वच्छता के लिए सबको प्रतिदिन समय देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि देहरादून शहर को स्वच्छ रखने में सबका सहयोग जरूरी है। इसके लिए हमें सबसे पहले पॉलीथीन का बहिष्कार करना होगा।
इस अवसर पर विधायक श्री खजान दास, पूर्व राज्यसभा सांसद श्री तरूण विजय, पलायन आयोग के उपाध्यक्ष श्री एस.एस.नेगी, प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण श्री आनन्द वर्द्धन प्रमुख वन संरक्षक श्री जयराज आदि उपस्थित थे।

इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द सिंह रावत ने बिन्दाल नदी कारगी चौक में वृहद स्वच्छता अभियान कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वेक्यूम क्लीनर (जटायु) को हरी झण्डी दिखाई। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का स्वच्छता पर विशेष फोकस है। स्वच्छ भारत अभियान कार्यक्रम से लोगों में स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण की दिशा में तेजी से जागरूकता बढ़ी।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वर्षाकाल में परिवार के प्रत्येक सदस्य एक-एक वृक्ष का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे। उन्हांने कहा कि पर्यावरण संरक्षण व स्वच्छता को हमें अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा। विवाहोत्सव व अपने पुरखों की याद में वृक्षारोपण की परम्परा को हमें जीवित रखना होगा।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि रिस्पना, बिन्दाल, कोसी व अन्य नदियों के संरक्षण के लिए सरकार प्रयासरत है। रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के तहत इन नदियों पर कार्य किये जायेंगे। उन्होने कहा कि स्वच्छता अभियान व पर्यावरण संरक्षण के लिए जनसहयोग आवश्यक है। आने वाली पीढ़ियों के लिए शुद्ध हवा, पानी व पर्यावरण देने के लिए हमें पर्यावरण व जल संरक्षण की दिशा में विशेष प्रसार करने होगे।
इस अवसर पर परिवहन मंत्री श्री यशपाल आर्य, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, सचिव शहरी विकास श्री शैलेश बगोली, गढ़वाल कमिश्नर बीवीआरसी पुरूषोत्तम, जिलाधिकारी देहरादून श्री एस.ए.मुरूगेशन, एसएसपी श्रीमती निवेदिता कुकरेती आदि उपस्थित थे।

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