हिंदी को संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा में शामिल करने की वकालत—–

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हिंदी को संयुक्त राष्ट्रसंघ की भाषा में शामिल करने की वकालत

धर्मानन्द राजकीय महाविद्यालय नरेंद्रनगर में हिंदी दिवस के
अवसर पर पत्रकारिता एवं जनसंचार व हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में
विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर छात्र छात्राओं ने निबंध,
वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं कविता पाठ में बढ़ चढकर हिस्सा लिया। निबंध
प्रतियोगिता में शिवानी चमोली एवं वाद विवाद प्रतियोगिता में अंकित रंजन
ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो0 जानकी
पंवार ने हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों में प्रतिभाग कर
रहे छात्र छात्राओं को बधाई देते हुए हिंदी की समृद्धि के लिए कार्य करने को प्रेरित किया।


एक सितंबर से 14 सितंबर तक चले हिंदी पखवाडे़ के अंतर्गत महाविद्यालय में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। हिंदी पखवाड़े के अंतिम दिन, हिंदी दिवस पर महाविद्यालय में ‘शब्द, सत्ता और संघर्ष’ पर निबंध प्रतियोगिता आयाजित की गई जिसमें कालेज के सभी छात्र छात्राओं ने बढ़ चढकर भाग लिया। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान शिवानी चमोली ने प्राप्त किया जबकि सिमर ओझा
द्वितीय तथा संदीप बिजल्वाण तीसरे स्थान पर रहे। वाद विवाद प्रतियोगिता के अंतर्गत ‘जनसंचार माध्यमों में अंग्रेजी का बढता दखल’ विषय पर छात्रों ने पक्ष एवं विपक्ष पर अपने विचार व्यक्त किए। इस प्रतियोगिता में अंकित रंजन प्रथम, आकाश राजपूत द्वितीय एवं अनिल खत्री तीसरे स्थान पर रहे। इस अवसर पर विचार हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ0 अनिल नैथानी ने कहा कि हिंदी को अभिव्यक्ति की सरल भाषा बताया वहीं डॉ0 सृचना सचदेवा ने हिंदी के विकास
के ऐतिहासिक पहलू पर चर्चा की। डॉ0 विक्रम सिंह बर्तवाल ने हिंदी को संयुक्त राष्ट्रसंघ की भाषा में शामिल किए जाने की पुरजोर वकालत की। डॉ0 सुधा रानी ने कहा कि हिंदी हमारी मातृ भाषा है जिसे कहने में हमें किसी प्रकार का संकोच नहीं करना चाहिए। इस अवसर पर कालेज के शिक्षकों में डॉ0 आराधना सक्सेना, डॉ0 नूपुर गर्ग, डॉ0 हिमांशु जोशी, डॉ0 मनोज सुंद्रियाल, डॉ0 पूजा रानी, डॉ0 चेतन भट्ट, विशाल त्यागी, रचना कठैत रावत, अजय पुण्डीर आदि शामिल रहे।

वहीं राजकीय महाविद्यालय देवप्रयाग में भी हिंदी दिवस पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। हिंदी भाषा के विकास पर चर्चा करते हुए डॉ0 रंजू उनियाल ने हिंदी में देशज और विदेशी भाषा के शब्दों के उपयोग पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर सुधा भारद्वाज ने कहा कि हर भारतीय को अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए। डॉ महेशानंद नौडियाल ने कहा कि हमें हिंदी के संवर्धन में हमेशा प्रयासरत रहना चाहिए। इस अवसर पर डॉ अशोक कुमार, डॉ अर्चना धपवाल, डॉ दिनेश कुमार, डॉ सृजना राणा, डॉ मनीषा डोभाल, डॉ सुनीता असवाल, डॉ प्राची फर्त्याल के अलावा राजेन्द्र सिंह, विनोद सिंह आदि उपस्थित रहे।

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