ज्योति विध्यापीठ महिला विश्वविध्यालय के शोधार्थी अमित चमोली ने जीता गोल्ड
राज राज्य स्तरीय कराटे प्रतियोगिता का आयोजन कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसके मुख्य अतिथि नेता प्रतिपक्ष विशिष्ट वशिष्ठ अतिथि के रूप सूर्य
दिनांक 4/12/2021 से 5/12/2021 को देहारादून मे आयोजित “ DRAGON WARRIORS OF SHOTOKAN state karate championship मे ज्योति विध्यापीठ महिला विश्वविध्यालय जयपुर से phd कर रहे अमित चमोली द्वारा कराते की काता style मे स्वर्ण पदक जीता गया। अमित चमोली इससे पूर्व विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय कराते प्रतियोगिता मे प्रतिभाग कर चुके है जिसके लिए उनको उत्तराखंड सरकार द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। Coach kyoshi अजय gurung के सानिध्य मे अमित चमोली प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है।
कोच अजय गुरुंग का कहना है की अमित अपने प्रशिक्षण के साथ साथ अपनी पीएचडी शोध को भी गंभीरता से लेते है ,उन्होने आगे बताया की अमित एक खिलाड़ी के साथ साथ एक अच्छे शोधार्थी भी है वह विभिन्न शोध पत्र भी लिख चुके जिसमे उनके द्वारा कराते खेल को किस प्रकार आगे बढ़ाया दर्शाया गया है। कराते खेल का अभ्यास करने के साथ पीएचडी का अध्यन करना थोड़ा चुनौती पूर्ण रहा लेकिन अमित ने हार नहीं मानी व आगे बढ़ता रहा जिसकारण उनके द्वारा अनेक प्रतियोगिता मे जीत हासिल की गयी है उनके द्वारा कराते ही नहीं कुबोड़ों कला का प्रशिक्षण भी लिया जा रहा है।
अमित चमोली से खास बातचीत मे उन्होने बताया की कराते उनके जीवन मे एक एहम हिसा है ,कराते खेल के द्वारा ही वह अंतर्राष्ट्रीय कोचो से मिल सके व उनकी ट्रेनिंग किस तरह भारतीय ट्रेनिंग से भिन्न है इसका ज्ञान हो सका , इसी कराते की छवि को लेकर मैंने इस पर रिसर्च करने की ठानी व turkey (world nanbudo cup Istanbul) से आने के पश्चात उन्होने इस पर शोध करना प्रारम्भ किया l उन्होने बताया की उनके द्वारा कराते एवं संबन्धित विषय पर 10 से ज्यादा शोध पत्रो को प्रकाशित किया जा चुके है व विभिन्न सेमिनार ,कॉन्फ्रेंस मे उनके द्वारा शोध पत्रो को पढ़ा भी जा चुका है ,और आगे भी इसे बढ़ाने का प्रयास रहेगा।
अमित कहते है की कराते आज की आवाशयकताओं मे से एक है ,महिलाओं को तो इसे आवश्यक रूप से प्रशिक्षण लेना चाहिए साथ ही सभी स्कूलो मे इसे अनिवार्य भी किया जाना चाहिए ,ताकि हम शरीर से ही नहीं बल्कि मस्तिष्क से भी मजबूत बन सके।
उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नेता प्रतिपक्ष एवं विशिष्ट अतिथि सूर्यकांत धस्माना, सुश्री रचनापांधी अतिथि हरदीप डॉक्टर राकेश मोहन नौटियाल रहे हैं