प्रीतम सिंह
प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस पार्टी उत्तराखण्ड
जन्म तिथि-04 नवम्बर 1958
पता-ग्राम व पोस्ट बिरनार, तहसील त्यूनी, देहरादून/ 33 गांधी रोड़ देहरादून।
शैक्षिक योग्यता- एम.ए.एल.एल.बी.
सम्पर्क-8477888862, 9456590809
पूर्व में किन-किन पदों पर आसीन रहे-
> छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय।
> वर्ष 1976-80-एन.एस.यू.आई संगठन सचिव गढ़वाल क्षेत्र ;उ.प्र.द्ध।
> वर्ष 1979-महा सचिव जौनसार बावर छात्र संगठन।
> वर्ष 1980-84-महा सचिव जिला युवा कांग्रेस देहरादून।
> वर्ष 1981- ऑर्गनाइजर जौनसार बाबर छात्र संगठन।
> वर्ष 1988-90 सदस्य जौनसारी विकास समिति उ0प्र0।
> वर्ष 1989-93 महा सचिव जिला कांग्रेस कमेटी उ0प्र0।
> वर्ष 1992-सदस्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी उ0प्र0।
> वर्ष 1994-संयुक्त सचिव उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी।
> वर्ष 1993-95- विधायक चकराता उ0प्र0।
> वर्ष 2000- सदस्य प्रदेशकांग्रेस कमेटी उत्तराखण्ड।
> वर्ष 2002-07 विधायक चकराता एवं उत्तराखण्ड सरकार में काबीना मंत्री।
> वर्ष 2005- सदस्य अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी।
> वर्ष 2004-07 उपाध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी उत्तराखण्ड।
> वर्ष 2007-12 विधायक, चकराता।
> वर्ष 2012-17 विधायक, चकराता एवं काबिना मंत्री (खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, लघु सिंचाई, गृह, ग्राम्य विकास व पंचायती राज, पिछड़ा क्षेत्र विकास।)
> वर्ष 2017 विधायक, चकराता।
> वर्ष 2017 से प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी।
जीवन के प्रमुख आन्दोलनों का विवरण-
> कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित आन्दोलनों में सक्रिय भूमिका।
> 1990 में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित जेल भरो आन्दोलन में गिरफ्तारी।
> उत्तराखण्ड राज्य प्राप्ति आन्दोलन।
राज्य विकास के विषयों पर इनकी सोच
बेरोजगारी के सवाल परः-
> पर्वतीय क्षेत्रों में बड़े संस्थान स्थापित किये जायें।
> पर्वतीय क्षेत्रों में लघु उद्योगों की स्थापना की जानी चाहिए। यहां स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित उद्योग संचालित किये जा सकते है।
पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन के सवाल परः-
> ग्राम पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार सृजन किया जा सकता है।
> सड़कां का सुदृढ़ीकरण व अच्छी नेटवर्किंग पर्यटकों को सुविधा दे पाने में सहायक होगा, अधिक पर्यटक आयेंगे तो अधिक रोजगार सृजन होगा।
> पहाड़ों से पलायन रोकना है तो यहां स्वास्थ्य सुविधायें दुरूस्त करना आवश्यक है साथ ही शिक्षा का स्तर भी बढ़ाना होगा।
राज्य के विकास का स्वरूपः-
> ऊर्जा प्रदेश में उर्जा का समुचित दोहन नहीं हो पा रहा है। करोड़ों रूपये खर्च होने के बाद भी जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण बन्द पड़ा है। शीघ्र ही इन परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना चाहिए।
पर्यटन विकास के सवाल परः-
> राज्य के पर्यटन विकास की दिशा में कुछ नया नहीं हो पाया। नवीन पर्यटन क्षेत्र विकसित नहीं हुए हैं। इस दिशा में बहुत प्रभावी कार्य किये जाने चाहिए।
> पर्यटन स्थलों तक पहुंच हेतु हेलीकॉप्टर सेवायें भी संचालित की जानी चाहिए।
कृषि विकास के सवाल परः-
> राज्य में कृषि विकास हेतु सचांलित किये जा रहे कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी बनाया जाना चाहिए।
> कृषि तकनीकों को व्यापक प्रसार किये जाने से किसान अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकेंगे।
> मिट्टी एवं जलवायु को वैज्ञानिकों द्वारा परीक्षण कराया जाये व क्षेत्र विशेष के हिसाब से ही फसलों का उत्पादन किया जाये तो कृषि कार्य से अच्छी आजीविका प्राप्त की जा सकती है।
विकास हेतु परियोजनायेंंः-
> कृषि में उन्नत बीजों व तकनीकों के उपयोग हेतु विभागीय सहयोग मिले।
> पर्तवीय क्षेत्रों की छोटी जोत में स्वैच्छिक चकबन्दी को बढ़ावा दिया जाय।
> उद्यान विकास की बड़ी सम्भावनायें हैं। उद्यान विकास पर विशेष ध्यान दिया जाये।