जानिये सांसद प्रत्याशी अजय टम्टा के बारे में…

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अजय टम्टा
जन्म तिथि-16.07.1972
जन्म स्थल-अल्मोड़ा
पता-लक्ष्मी निवास, डॉबा नोलगाम डुगालखोल
अल्मोड़ा पिन कोड-263601
मो0नं0/फोन नं0-9456590857, 05962-230020
शैक्षिक योग्यता-इण्टरमीडिएट(विज्ञान)

पूर्व में निम्न पदों पर आसीन रहे-
> उपाध्यक्ष जिला पंचायत, अल्मोड़ा, बागेश्वर
> अध्यक्ष जिला पंचायत, अल्मोड़ा, बागेश्वर
> वर्ष 2007 विधायक सोमेश्वर, पूर्व राज्य मंत्री
> पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तराखण्ड सरकार
> 2014 सांसद अल्मोड़ा एवं राज्य मंत्री, कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार।

जीवन के प्रमुख आन्दोलन-
> राम जन्म भूमि आन्दोलन में सक्रिय भूमिका।
> उत्तराखण्ड राज्य प्राप्ति आन्दोलन में सक्रिय भूमिका।
> विधान सभा चुनाव लड़ने के समय प्राथमिकताएं थी- सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा, अनुसूचित/वंचित सामाज का उत्थान।

पृथक उत्तराखण्ड राज्य की अवधारणाः-
> पृथक उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के बाद केन्द्रीय सरकार हिमालयी नीति बनाये व उद्योगों को स्थापित करने हेतु औद्योगिक पैकेज दे। विशेष पैकेज देकर व साथ ही रेल लाइनों का विस्तार करे व नई हवाई पट्टियों का निर्माण करें। नयी-नयी तकनीकों का विस्तार हो।
राज्य के विकास का स्वरूपः-
> राज्य गठन की अवधारणा के अनुरूप विकास नहीं हो पाया। बहुत सारी कठिनाइयों के कारण यह सम्भव नहीं हुआ।
पर्यटन विकास के सवाल परः-
> वर्तमान में धन की कमी के कारण पर्यटन विकास नहीं हो पा रहा है हिमालय नीति में पर्यटन/तीर्थाटन व हिमालयी खेलों इत्यादि की अपार सम्भावनाएं हैं। इनके विकास हेतु केन्द्रीय पैकेज मिलना चाहिए।
कृषि विकास के सवाल परः-
> उत्तराखण्ड राज्य की भौगोलिक परिस्थिति भिन्न है, अतः मैदानी क्षेत्र में कृषि को बढ़ावा देना पड़ेगा। वहीं भौगोलिक परिस्थिति वाले पर्वतीय क्षेत्र में उद्यान तथा जैविक खेती व बेमौसमी फलों के उत्पादन तथा आधुनिक खेती का विकास किया जाना चाहिए। सिंचाई की सुविधा भी विभिन्न तरीकों जैसे स्प्रींलर, ड्रिप सिंचाई आदि से बढ़ायी जा सकती है।
क्या यह राज्य पर्वतीय राज्य है
> उत्तराखण्ड राज्य का अधिकतम भाग पर्वतीय व वनाच्छादित क्षेत्र है। साथ ही ग्लेशियरों व नदियों के उद्गम का स्थान है। अतः इसका निर्माण पर्वतीय क्षेत्रों को ध्यान में रख कर किया गया था। अतः राज्य पर्वतीय ही है।
विकास हेतु परियोजनायेंंः-
> बेरोजगारी पूरे देश के साथ ही राज्य में भी बढ़ी है,क्योंकि सरकारी सेवाओं में कटौती हो रही है।
> प्रदेश में स्वरोजगार की बहुतायत सम्भवनाएं हैं। तीर्थाटन/पर्यटन तथा जल विद्युत परियोजना के विकास से बेरोजगारी दूर की जा सकती है।

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