*पृथ्वी दिवस पर विशेष 👉👉👉👉👉👉👉👉 गढ़वाल विवि के भूगोल विभाग द्वारा पृथ्वी दिवस पर कार्यशाला,,,, कोविड 19 के साये में पृथ्वी दिवस की प्रासंगिकता—-*

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पृथ्वी दिवस के अवसर पर हेमंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय भूगोल विभाग द्वारा एक आन लाइन कार्यशाला आयोजित की गई. जिसका विषय था “पृथ्वी दिवस 2020 और कोविड-19 : पर्यावरण प्रदूषण जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य संकट”. पृथ्वी दिवस की 50 वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित इस ऑनलाइन कार्यशाला में भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एम एम एस रावत, पूर्व संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर एच.पी भट्ट, भौतिक विज्ञान में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर आलोक सागर गौतम, वानिकी विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ एस पी सती, भूगोल विभाग के प्रोफेसर वी पी नैथानी, डॉ राजेश भट्ट, डॉ अतुल कुमार व शोध छात्रों तथा भूगोल विभाग के स्नातकोत्तर एवं स्नातक स्तर के छात्रों ने भाग लिया.

ऑनलाइन इस कार्यशाला के समन्वयक प्रोफेसर महावीर सिंह नेगी ने कहा 22 अप्रैल को पूरी दुनिया के 193 देश इस दिन को पृथ्वी दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं. जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण प्रदूषण जो आज विश्व की बड़ी समस्याओं में से एक है, उन सब के पीछे मानव है. जिसका परिणाम समय समय पर इन महामारियो के रूप में देखने को मिलता है. पर्यावरण प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जो एक वैश्विक समस्याऐं हैँ इनके निदान के बिना इस तरह की महामारियों से छुटकारा नहीं पाया जा सकता हैं. इस अवसर पर विभागाध्यक्ष भूगोल प्रोफेसर एम एस एस रावत अपने ने संबोधन में कहां भूगोल विभाग समय-समय पर सम-सामयिक विषयों पर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करता रहा है covid-19 तथा इस तरह की महामारी, उनको समझने में भूगोल के छात्रों का क्या योगदान हो सकता है इस पर अपने विचार रखें. पूर्व संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर एचपी भट्ट ने भूगोल कोविड-19 को समझने मैं किस तरह से सहायक हो सकता है इस पर अपना संबोधन दिया. किसी भी बीमारी में भौगोलिक स्थिति वह जलवायु का विशेष महत्व होता है. वानिकी विश्वविद्यालय भारसार मैं एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर एसपी सती ने कहा है कि इस तरह की महा मारियो को रोकने के लिए वैश्विक साझेदारी की बड़े पैमाने पर जरूरत है लॉक डाउन ने ऑनलाइन की महत्ता, ऑफिस नामक स्थान की उपयोगिता जो धीरे-धीरे अब स्वयं ही कम होगीपर अपने विचार रखे. भौतिक विज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर आलोक सागर गौतम जो जलवायु परिवर्तन वह वायु की गुणवत्ता पर वर्तमान में महत्वपूर्ण शोध कार्य भी कर रहे हैं उन्होंने अपने प्रस्तुतीकरण में कहा वैश्विक महामारी कोविड-19 का संबंध वातावरण से है तापमान सापेक्षिक आद्रता बढ़ने के साथ कोविड-19 के असर में कमी आएगी. प्रोफेसर वी पी नैथानी ने ने कहा भूगोल परिषद के तत्वावधान में आयोजित इस तरह के कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही उन्होंने सभी विषय विशेषज्ञों, शोध छात्रों, स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के छात्रों का ऑनलाइन कार्यशाला में भाग लेने के लिए धन्यवाद अदा किया. भूगोल परिषद समय-समय पर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करती रहेगी. कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ राजेश भट्ट ने जलवायु परिवर्तन पर्यावरण प्रदूषण व स्वास्थ्य समस्याएं यह सभी आपस में जुड़ी हुई है इस पर अपनी बात रखी. इस अवसर पर गेस्ट टीचर डॉ अतुल कुमार, शोध छात्र शेयरी चौधरी, अपेक्षा अग्रवाल सहित कई शोध छात्र तथा स्नातकोत्तर स्तर के छात्रों ने ज़ूम ऐप के माध्यम से ऑनलाइन कार्यशाला में भाग लिया.

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