सरकार ने जारी किया संस्कृत शिक्षा का नया पाठ्यक्रम
संस्कृत शिक्षा मन्त्री अरविन्द पाण्डे की ओर से संस्कृत शिक्षा में व्यापक परिवर्तन एवं सुधार करने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद् द्वारा प्रस्तावित नये पाठ्यक्रम को अनुमोद दे दिया गया है।संस्कृत शिक्षा सचिव विनोद प्रसाद रतूड़ी की ओर से जारी शासनादेश में पाठ्यक्रम को राज्य के संस्कृत विद्यालयों / महाविद्यालयों में प्रवेशिका से उत्तरमध्यमा तक की कक्षाओं के लिए नये पाठ्यक्रम में अनेक महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया है। लम्बे समय से चल रहे पाठ्यक्रम की प्रक्रिया को नये सत्र से शुरु किये जाने हेतु नवनियुक्त संस्कृत शिक्षा निदेशक शिव प्रसाद खाली प्रयत्नशील थे। उनके प्रस्ताव पर संस्कृत शिक्षा मन्त्री की ओर से मिले अनुमोदन से अब संस्कृत शिक्षा में नयी शिक्षण व्यवस्था देखने को मिलेगी।
रोजगार सृजन और कौशल विकास की दृष्टि से कम्प्यूटर शिक्षा, अंग्रेजी भाषा, पौरोहित्य, योग, शारीरिक शिक्षा तथा आयुर्वेद जैसे विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।
संस्कृत शिक्षा मन्त्री अरविन्द पाण्डेय की ओर से दिये गये निर्देशों के क्रम में तैयार पाठ्यक्रम शास्त्रों के संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण बनाया गया है। शास्त्रों के संरक्षण एवं गुरुकुलीय शिक्षा पद्धति को सुदृढ बनाये जाने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है।
संस्कृत शिक्षा निदेशक शिवप्रसाद खाली ने कहा कि संस्कृत शिक्षा मन्त्री द्वारा रोजगारोन्मुखी तथा कौशल विकास हेतु महत्वपूर्ण निर्देश दिये गये थे जिन्हें पाठ्यक्रम में समाहित कर दिया गया है। वहीं शास्त्र संरक्षण के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है।
नवीन पाठ्यक्रम में वेद, उपनिषद्, गीता, रामायण जैसे भारतीय प्राचीन शास्त्रीय सम्पदा को को पढ़ने का अवसर मिल सकेगा । आधुनिक विषयों का महत्व भी बढ़ाया गया है जिसमें गणित, सामाजिक विज्ञान, कम्प्यूटर एवं अंग्रेजी जैसे आधुनिक विषयों को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।
वर्तमान जीवनशैली के लिए उपयोगी प्रमुख विषयों योग, शारीरिक शिक्षा एवं आयुर्वेद को भी पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।साथ ही अब अंग्रेजी पाठ्यक्रम में मुख्य विषय बन गया है। अभी तक जहां अंग्रेजी केवल ऐच्छिक विषय के रूप में रखा गया था, वह अब मुख्य विषय के रूप में शामिल होगा ।