शिक्षा जगत 👉 संविधान पर,, संयोजक गढ़वाल विश्वविद्यालय का कार्यक्रम मौलिक कर्तव्य विषय पर केंद्रित

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संविधान के बनने के 70 साल को मनाने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा साल भर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि लोगों को संविधान के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त हो सके। इन कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए प्रत्येक राज्य में एक विश्वविद्यालय को चुना गया है। गढ़वाल विश्वविद्यालय को उत्तराखंड में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए संयोजक विश्वविद्यालय बनाया गया है। इस वर्ष इन कार्यक्रमों का मुख्य विषय ”मौलिक कर्तव्य” है। जिन पर प्रत्येक महीने विश्वविद्यालय में कार्यक्रम आयोजित हो रहे है। इस कार्यक्रम में संविधान निर्माण व मौलिक कर्तव्यों पर आधारित एक लघु फ़िल्म भी दिखाई गई।


कार्यक्रम के नोडल ऑफिसर व राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो० एम०एम० सेमवाल ने कहा कि देश के नागरिकों को संविधान की जानकारी आवश्यक है. संविधान सामाजिक परिवर्तन का आलेख है. यह समाज की आत्मा का आलेख है. संविधान में मौलिक अधिकारों के साथ ही मौलिक कर्तव्यों को भी स्थान दिया गया है. एक बेहतर देश को बनाने के लिए हमें सजग रहना होगा. हमें एक संवैधानिक सजग नागरिक होने की आवश्यकता है.

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कीर्तिनगर के सिविल जज मनोज राणा ने कहा कि देश नागरिकों से बनता है और नागरिक अपने कर्तव्यों का पालन कर के देश का निर्माण करते हैं. हमारे देश की आज़ादी में योगदान देने वाले आंदोलनकारियों ने एक ख़ूबसूरत संविधान दिया है. जिसकी प्रस्तावना हमें एक बेहतर देश का लक्ष्य दिखाती है, जिन्हें नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्यों का पालन कर के प्राप्त किया जा सकता है. प्राथमिक शिक्षा से ही छात्रों को शिक्षण सामग्री में संविधान के हिस्सों को जोड़ा जाना चाहिए ताकि देश को बेहतर नागरिक मिल सकें.
कर्तव्य नागरिकों की वो ज़िम्मेदारियॉं हैं जो किसी देश के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए प्रत्येक नागरिक को निभाने चाहिये. आने वाली पीढ़ियों को बेहतर भविष्य देने के लिए नागरिकों को आज अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए.

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपत्ति प्रो० एस०सी० बागड़ी ने कहा कि सभी नागरिक देश के विकास में योगदान देने के लिए अपने अपने कार्यों को करेंगे तो यही देश के लिए उनके कर्तव्य हैं. इस तरह के कार्यक्रम विश्वविद्यालय के बाहर आम नागरिकों के बीच भी होने चाहिये ताकि उन्हें संविधान में उल्लिखित अधिकार व कर्तव्यों की जानकारी मिल सके.

कार्यक्रम के संचालन शिक्षा विभाग की डॉ० सीमक़ धवन ने किया। धन्यवाद भाषण डॉ० जे०पी० भट्ट ने दिया।
इस कार्यक्रम में प्रो० आर एन गैरोला, प्रो हिमांशु बोड़ाई, डॉ नितिन सती, प्रो एम के सिंह, डॉ प्रशांत कंडारी, डॉ ज्योति तिवाड़ी, डॉ अरुण शेखर बहुगुणा, छात्र संघ अध्यक्ष अंकित रावत, सचिव प्रदीप रावत, विवि प्रतिनिधि अंकित उछोली, शोध छात्र मौजूद रहे।

इस कार्यक्रम की शुरुआत प्रस्तावना का वाचन कर के किया गया। तथा राष्ट्रगान के साथ समापन किया गया।

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