उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर के पत्रकारिता एवं जनसंचार केंद्र में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया
कार्यक्रम में पत्रकारिता एवं जनसंचार केंद्र के निदेशक प्रोफेसर ए आर डंगवाल ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि बढ़ते शराब के प्रचलन को रोकना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलन की अवधारणा के मूल में भी नशा नहीं रोजगार जैसे नारे प्रमुख रहे हैं। वह अवधारणा कहीं दूर छूट गई लगता है। आज शराब का कारोबार प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन गया है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है।
राज्य आंदोलनकारी डॉ देवेंद्र फर्सवाण ने कहा आंदोलनकारियों के साथ जो बर्ताव उस समय की सरकारों ने किया उससे महात्मा गांधी जी के विचारों को ठेस पहुंची है। उत्तराखंडियों पर जुल्म करने वालों को सजा मिलनी चाहिए।
गोष्ठी में वक्ताओं ने नशा मुक्ति पर जोर देते हुए कहा कि आज हमारे युवा नशे की लत में डूबते जा रहे हैं , जो कि चिंता का विषय है।
संगोष्ठी में डॉ दिनेश भट्ट , डॉ सुनील बलूनी, डॉक्टर अरुण प्रताप , राजेंद्र सिंह इत्यादि छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया