क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्य पद हेतु चुनाव लड़ने के लिए दो से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशी योग्य होंगे कि नहीं इस पर माननीय हाईकोर्ट नैनीताल में सोमवार को होगी सुनवाई।
उक्त मुद्दे पर तीन लोगों ने हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका
उत्तराखंड पंचायत राज संशोधन विधेयक 2019 के पारित होने के उपरांत दो से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध ने राज्य में पंचायत इलेक्शन पर असमंजस की स्थितियां खड़ी कर दी।
उक्त प्रतिबंध हटाने के लिए माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल में 6 याचिकाएं दाखिल की गई थी जिन पर माननीय न्यायालय द्वारा सुनवाई के उपरांत दो से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने का रास्ता खोल दिया था। परंतु माननीय न्यायालय के फैसले में जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत सदस्य पदों पर चुनाव लड़ने के लिए दो से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशियों के विषय में स्पष्ट निर्देश न होने की स्थिति में उहापोह की स्थिति बनी हुई है। विधि विशेषज्ञ मानते हैं कि माननीय न्यायालय का फैसला पूरी त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था पर लागू होता है। परंतु निर्वाचन आयोग कोई निर्णय नहीं दे पा रहा है और आयोग के अनुसार यह फैसला सिर्फ ग्राम पंचायत स्तर पर लागू प्रतीत हो रहा है।
ऐसी असमंजस की स्थिति के बीच तीन लोगों ने माननीय हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं। याचिकाकर्ताओं ने माननीय न्यायालय से याचिका की है क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत चुनाव लड़ने वाले 2 से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशियों को भी योग्य माना जाए। इन याचिकाओं पर माननीय न्यायालय के निर्णय के उपरांत ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
माननीय न्यायालय द्वारा इन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सोमवार 23 सितंबर का दिन मुकर्रर किया गया है।
याचिकाकर्ताओं के नाम इस प्रकार हैं👉
मोहन सिंह मेहरा – पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अल्मोड़ा
कृपाल सिंह मेहरा – विकासखंड धारी नैनीताल
बलवंत सिंह – जनपद नैनीताल