देहरादून में नदी नालों पर किए गए अतिक्रमण संबंधी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी से 3 सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा है।
गौरतलब है कि देहरादून की नवनिर्वाचित निगम पार्षद उर्मिला थापा द्वारा माननीय हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी।
चीफ जस्टिस रमेश रंगनाथन व जस्टिस आलोक वर्मा की खंडपीठ द्वारा उक्त याचिका पर सुनवाई करते हुए जिलाधिकारी रवि शंकर व सरकार से 3 सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है।
आज जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान के दौरान जिलाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि देहरादून में करीब ढाई सौ एकड़ भूमि पर अतिक्रमण हुआ है।
याचिका में उर्मिला थापा द्वारा कहा गया है कि रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे बड़े पैमाने पर अतिक्रमण किया गया है, साथ ही नदी में बने चाल खाल पर भी अतिक्रमण कर दिया गया है जिससे आने वाले समय में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। याचिका में यह भी उल्लिखित है कि नदी नालों के पास हजारों की संख्या में हरे पेड़ों को काटा गया है । इससे आने वाले समय में स्थानीय निवासियों को बड़ा खतरा हो सकता है । अतः अतिक्रमण को हटाया जाए वह बेतहाशा पेड़ों के कटान पर रोक लगे।