14वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के क्रम में जनपद टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, देहरादून, उधमसिंहनगर, चमोली एवं हरिद्वार की विभिन्न ग्राम पंचायतों को वित्तीय वर्ष 2017-18 हेतु प्राप्त कार्य निष्पादन अनुदान के रूप में रू0 21,58,00,000.00 (इक्कीस करोड़ अट्ठावन लाख) की धनराशि पात्र ग्राम पंचायतों को अवमुक्त की गई है। यह धनराशि सीधे ग्राम पंचायतों के खाते में भेजी गई है।
निदेशक पंचायतीराज श्री एच.सी. सेमवाल ने बताया कि इस धनराशि से ग्राम पंचायतों में जल आपूर्ति, सीवरेज तथा अपशिष्ट प्रबन्धन, सैप्टैज प्रबन्धन, स्वच्छता, जल निकासी, सामुदायिक परिसम्पत्तियों का रख-रखाव, सड़क एवं फुटपाथ, स्ट्रीट लाईट, कब्रिस्तान एवं शमशान घाटों के रख-रखाव आदि के कार्य कराये जा सकेंगेे।
कार्य निष्पादन अनुदान के रूप में अवमुक्त की गई धनराशि का उपयोग प्राथमिकता के रूप में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन सम्बन्धी कार्यों पर किया जायेगा। उपरोक्त वरीयता के अन्य कार्यों पर तभी कार्य किया जाएगा जब ग्राम पंचायत यह समझे कि वर्तमान में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन से सम्बन्धित सभी कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। इसके लिए ग्राम पंचायत को ग्राम सभा से इसके लिए प्रस्ताव पारित करना होगा।
उन्होंने बताया कि ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के लिए ग्राम पंचायत की आवश्यकताओं को देखते हुए डीपीआर तैयार कर इसमें ‘ग्राम पंचातों में उत्तराखण्ड ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नीति 2017‘ के अन्तर्गत गठित समिति से अनुमोदन लिया जाएगा एवं नियत अधिकारी द्वारा तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त की जाएगी।