एम्स ऋषिकेश वैश्विक महामारी कोरोना के इस आपदा बड़ी जिम्मेदारी के साथ अपनी भूमिका निभा रहा है
एम्स में इस वक्त 25 कोरोना पॉजिटिव मरीज भर्ती हैं
इसके अलावा 65 कोरोना सस्पेक्टेड मरीजों को एम्स में आइसोलेट किया गया है। इन मरीजों को अलग-अलग कमरों में रखा गया है
एम्स से कुछ मरीजों को देहरादून भेजा गया है । ऐसी स्थिति क्यों आ रही है इस बात को भी समझना होगा👉
क्योंकि एम्स को टर्सरी केयर अर्थात तृतीय स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं , जिनमें ब्रेन स्ट्रोक, कैंसर, हार्ट अटैक , लकवा ग्रस्त होना तथा गंभीर एक्सीडेंट केस इत्यादि शामिल हैं, उपलब्ध कराने के लिए भी जिम्मेदारी निभा रहा है और ऐसा सरकार द्वारा निर्देशित भी किया गया है। ऐसे में बहुत बड़ी तादात में मरीजों को एम्स में भर्ती करना मुश्किल हो गया है।
उत्तराखंड सरकार के निर्देशों के अनुसार 5 जनपदों उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, चमोली तथा हरिद्वार के कैटेगरी 3 के मरीजों की जिम्मेदारी की एम्स की ही है।
एम्स के जनसंपर्क अधिकारी श्री हरीश थपलियाल का कहना है एम्स पूरी शिद्दत से अपनी जिम्मेदारियां निभाएगा परंतु कुछ उक्त वर्णित व्यावहारिक दिक्कतें हैं इन्हें भी समझना होगा। ऐसे में लक्षण रहित (Asymptomatic) स्थिर मरीजों को कोई भी कॉविड सेंटर आवश्यक सुविधाएं दे सकता है (cater कर सकता है), उन्हें एम्स की जरूरत नहीं है
कोई कोरोना का मरीज क्रिटिकल पोजीशन में पहुंच जाए अथवा वेंटिलेटर पर आ जाए तो उसके लिए भी एम्स में पर्याप्त व्यवस्था रहना आवश्यक है।