घर से ही ले सकेंगे संस्कृत विद्यालय महाविद्यालयों में प्रवेश
संस्कृत शिक्षा निदेशक एस.पी. खाली ने जारी किये दिशा निर्देश👉👉
उत्तराखण्ड में एक अप्रैल से नया शिक्षा सत्र प्रारम्भ हो गया है और उत्तराखण्ड बोर्ड, सीबीएसई आदि शिक्षा बोर्डों ने अपने विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र – छात्राओं को कक्षोन्नत भी कर दिया है। ऐसे में संस्कृत विद्यालयों, महाविद्यालों में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्र – छात्राओं को कोई कठिनाई न हो इसके लिए संस्कृत शिक्षा निदेशालय ने राज्य के सभी संस्कृत विद्यालय एवं महाविद्योलयों को दूरभाष या मोबाईल फोन से ही छात्र – छात्राओं को प्रेवश देने हेतु कहा है। इसके लिए छात्र-छात्रोओं के दूरभाष पर ही सामान्य जानकारी प्राप्त कर अस्थाई पंजीकरण कर लिया जाएगा तथा लाकडाउन रहने तक दूरभाष एवं अन्य उपलब्ध आनलाईन माध्यमों से पाठ्यक्रम एवं अन्य शिक्षण सामग्री भी उपवब्ध कराने के निर्देश दिये जाएंगे।
निदेशालय की इस मुहिम को संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा विभिन्न प्रचार माध्यमं से लोगों तक भी पंहुचाया जा रहा है । विदित हो कि राज्य के अधिकांश संस्कृत विद्यालयों महोविद्यालयों में छात्रावासीय व्यवस्था में रहकर छात्र छात्राएं अध्यय करने करने के लिए आते हैं। प्रदेश के अधिकांश संस्कृत विद्यालय महाविद्यालय देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी आदि शहरी क्षेत्रों में हैं जहां पर्वतीय जनपदों से बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं प्रवेश लेने आते हैं। क्योंकि अभी लाकडाउन है तो एसे में संस्कृत विद्यालयों में छात्रों के कम संख्या में प्रवेश की आशंका को देखकर यह मुहिम शुरु की गई है।
इन कक्षाओं में ले सकते है प्रवेश –
राज्य में स्थित 97 संस्कृत विद्यालय महाविद्यालयों के विभिन्न स्तरों के अनुसार कक्षा – 6, कक्षा 9 तथा कक्षा 11 में प्रवेश लिया जा सकेगा। कुछ महाविद्यालों में सीधे शास्त्री अर्थात् सीधे बी.ए. में भी प्रवेश लिया जा सकता है।
विद्यालयों में उपलब्ध प्रमुख विषय – हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी, जैसे विवध भाषाओं ज्योतिष, कर्मकाण्ड, वेद, दर्शन, नव्यव्याकरण, साहित्य आदि शास्त्रीय विषयों के साथ ही समाजशास्त्र, राजनीति, अर्थशास्त्र आदि आधुनिक विषयों में की भी शिक्षा प्राप्त की जा सकती है।
प्रवेशोत्सव के लिए प्रभारी नियुक्त किया
प्रवेश उत्सव के लिए राज्य स्तर पर श्री शिव प्रसाद भट्ट को राज्य प्रभारी नियुक्त किया गया है उनके दूरभाष संख्या 7983027346 पर प्रवेश हेतु संपर्क किया जा सकता है।
निदेशक संस्कृत शिक्षा उत्तराखंड के वक्तव्य इस प्रकार हैं👉
“छात्र-छात्राओं के सुरक्षित और उज्जवल भविष्य के लिए संस्कृत शिक्षा में व्यापक संभावनाएं विद्यमान हैं संस्कृत शिक्षा से नित्य नवीन संभावनाओं का सृजन होता जा रहा है। संस्कृत शिक्षा के माध्यम से शिक्षा, सेवा, पत्रकारिता, पर्यटन, योग, ज्योतिष, पौरोहित्य, धार्मस्व आदि क्षेत्रों मे व्यापक कैरियर विकल्प एवं रोजगार के अवसरों की संभावनाएं विद्यमान है –
एस. पी. खाली, निदेशक संस्कृत शिक्षा।