माननीय सर्वोच्च न्यायालय मे कल सुबह 10:30 बजे महाराष्ट्र मामले पर बहस शुरू हुई थी। न्यायालय ने आज 10:30 बजे पुनः बहस का समय मुकर्रर किया था।
आर्थिक 10:30 माननीय सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले पर सुनवाई प्रारंभ हुई।
आज सुनवाई प्रारंभ होते ही सरकार के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि एक पवार हमारे साथ है एक पवार उनके साथ है। उन्होंने कहा कि इस मामले को कर्नाटक वाले प्रकरण से भिन्न देखा जाना चाहिए।
यहां हमारे पास 170 विधायकों का समर्थन पत्र है जिसमें एनसीपी के 54 विधायकों के हस्ताक्षर युक्त पत्र भी शामिल है।
तीन जजों जिनमें जस्टिस रमन्ना जस्टिस भूषण तथा जस्टिस खन्ना शामिल हैं की बेंच ने कहा कि आज राज्यपाल की भूमिका पर कोई चर्चा नहीं होगी । यहां सिर्फ चर्चा होगी फ्लोर टेस्ट कराने पर।
अजित पवार की ओर से वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि उस वक्त अजित पवार ही नेता थे एनसीपी के और उनके पास सारे विधायकों का समर्थन पत्र था। उन्होंने कहा कि फ्लोर टेस्ट कब और कैसे हो इस पर कोर्ट का हस्तक्षेप सही है क्या? फ्लोर टेस्ट तो स्पीकर कराएंगे
रोहतगी ने कहा कि हमारे पास एनसीपी के 54 विधायक हैं।
अजित पवार की ओर से मनिंदर सिंह ने कहा कि मैं ही एनसीपी हूं। सभी विधायक मेरे साथ हैं।
वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि जब कोर्ट ने सभी दस्तावेज देख लिए हैं तो विपक्ष की अपील का क्या मतलब
चर्चा में कांग्रेस शिवसेना की ओर से वकील कपिल सिब्बल नए शुरुआत एक जुमले से की कि “घोड़े तो अस्तबल में ही हैं पर घुड़सवार भाग गया”अर्थात अजित पवार भाग्य पर विधायक अभी शरद पवार के साथ ही हैं।
कपिल सिब्बल ने कहा कि आखिर आपातकाल जैसी स्थिति क्यों आ गई थी कि सुबह 5.17 पर राष्ट्रपति शासन हटाया जाता है और उसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री को शपथ दिलाई जाती है। सरकार कोर्ट को यह बताने की कृपा करें इसमें ऐसी राष्ट्रीय इमरजेंसी क्या गई थी।
शरद पवार की ओर से बोलते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बिना कवरिंग लेटर वाले समर्थन पत्र को राज्यपाल ने आखिर स्वीकार कैसे कर दिया।यदि 54 विधायकों का समर्थन हमारे पास भी है और उनके पास भी है लेटर तो राज्यपाल को हड़बड़ी में क्यों सफर दिलानी पड़ी?
कोर्ट ने कहा कि यहां राज्यपाल की भूमिका पर कोई बहस नहीं होगी। यहां सिर्फ फ्लोर टेस्ट कराने के समय पर बहस होगी।
तमाम दलीलें सुनने के उपरांत सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले पर कल सुबह मतलब 26 नवंबर की सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाया जाएगा