पंचायत जन अधिकार मंच के संयोजक श्री जोत सिंह बिष्ट ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 25 सितंबर को पंचायत चुनाव के प्रथम चरण का नामांकन पूर्ण हो गया और आशंकाओं के अनुरूप ही ग्राम पंचायतों के 24हजार पदों पर नई शर्तों के कारण नामांकन ही दाखिल नहीं हो पाए। इस प्रकार ग्राम पंचायत सदस्यों के लगभग 45 प्रतिशत पद रिक्त रहने के कारण 75 प्रतिशत ग्राम पंचायतें गठित नहीं हो पाएंगी।
जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि वह माननीय न्यायालय के आभारी हैं कि सरकार के जनविरोधी निर्णय को खारिज करते हुए 62 हजार से अधिक ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्यों के पदों पर 2 से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने का मौका दिया गया है। हमारे अधिवक्ताओं द्वारा संपूर्ण त्रिस्तरीय पंचायतों (धारा 8 ग्राम पंचायत, धारा 53 क्षेत्र पंचायत व धारा 90 जिला पंचायत) के पदों पर सरकार की अव्यावहारिक शर्तों को हटाने का आवेदन किया गया था। परंतु न जाने किस चूक के कारण क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत के पदों हेतु न्याय नहीं मिल पाया।
श्री बिष्ट ने कहा कि पंचायत चुनाव संपन्न होने के उपरांत लड़ाई को और आगे बढ़ाया जाएगा। पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देते हुए उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा। जोत सिंह बिष्ट ने गांव की प्रबुद्ध जनता का आह्वान किया कि वे सरकार के जनविरोधी फैसले के जवाब में योग्य प्रतिनिधि का चुनाव करें , ताकि गांवों का विकास जन भावनाओं के अनुरूप हो सके।