आखिर मृत्युंजय मिश्रा को मूल विभाग (उच्च शिक्षा ) मैं वापस जाने का आदेश शासन द्वारा पारित कर दिया गया।
ज्ञात हो कि अपनी ऊंची पहुंच के कारण योग्यता एवं वेतनमान अर्हता पूर्ण न होने के बावजूद डॉ मृत्युंजय मिश्रा आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुल सचिव नियुक्त किए गए थे। विवादों से इनका चोली दामन का साथ रहा है। अब वह अपने महान कृत्यों के कारण सलाखों के पीछे की हवाओं का आनंद ले रहे।