।।श्रद्धांजलि।। श्रीदेव सुमन जी का संक्षिप्त जीवनवृत्त

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अमर शहीद श्रीदेव सुमन जी का जन्म 25 मई 1916 को ग्राम जौल पट्टी बमुण्ड टिहरी गढ़वाल में हुआ था उनके पिता का नाम हरि राम बडोनी जी व माता का नाम श्रीमती तारा देवी था! प्रार्थमिक शिक्षा व इंटर मीडिएट शिक्षा प्राप्त करने के बाद सन् 1930 में सुमन जी देहरादून में नमक सत्याग्रह आंदोलन में कूद पड़े! इनके अलावा सुमन जी ने कई परीक्षाएं उत्तीर्ण की जिनमें सन् 1934 में पंजाब से भूषण परीक्षा,सन् 1935 में प्रभाकर परीक्षा,1936 में शिक्षा विशारद परीक्षा,सन् 1937 साहित्य रत्न परीक्षा पास की!सन् 1938 में उनका विवाह विजय लक्ष्मी से हो गया था! सन् 1939 में सुमन जी ने टिहरी राज्य प्रजा मंडल की स्थापना की!
तत्पश्यात 1940 में उन्होंने टिहरी के राजा के अत्याचारी शासन के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद कर दी! सन 1941 में श्रीदेव सुमन जी ने एक और परीक्षा राजनीति रत्न उत्तीर्ण की!समाज और लोगों में सुमन के बढ़ते प्रभाव को रोकने और उनकी लोगों को प्रेरित करने वाली आवाज को दबाने के लिए 1942 में इनको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और जेल में डाल दिया जहाँ उनको मारा गया पीटा गया ,ठन्डे पानी से नहलाया गया, घास फूस की रोटी खिलाई गयी तथा और भी कई प्रकार की कठोर यातनाएं दी गयी !जेल में ही उन पर सन् 1944 में राज द्रोह का मुकदमा चलाया गया! जिसके बिरुद्ध में वे आमरण अनशन हड़ताल में बैठ गए और लगातार 84 दिन तक की भूख हड़ताल के बाद 25 जुलाई 1944 यानि आज के ही दिन रात में उनकी मृत्यु हो गयी!किसी को भी सुमन की मृत्यु का पता न चले इसके लिए क्रूर राजा ने उनका शव भिलंगना नदी में बोरे में बांध के डाल दिया था!
तो ऐसे वीर बलिदानी अमर शहीद सुमन जी को शत शत नमन! जय हिन्द जय भारत 🙏 धन्यबाद
दिनेश उनियाल
सहायक आचार्य स.शि.म.सत्यों(सकलाना)

अमर रहेगा ये बलिदान !!

प्राणों की आहूति देकर,
आजादी का यज्ञ किया !
मातृभूमि के लिए तुम्हारा
अमर रहेगा ये बलिदान !
चौरासी दिन भूखे रहकर
हार न माने अमर जवान,
जालिम सामंतों ने फिर भी
जहर चढ़ाकर ले ली जान,
क्रांति न भड़के, इसके भय से,
फेंक दिया फिर नदी-उफान !
तरुण सुमन की करुण कथा सुन,
आंदोलन फिर उठा महान !
स्वतंत्रता लेकर मानेंगे,
जनता ने यह लिया था ठान !
अमर सुमन की परंपरा पर
कई दीवाने हुए कुर्बान !
अपना सबकुछ न्योछावर कर
हमको आज़ादी की दान,
तेरा सौरभ युग युग महके
अमर रहेगा ये बलिदान !!

—–अंशुल कुमार डोभाल

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