उत्तराखंड राज्य सुरक्षा राज्य बन रहा है, सड़क सुरक्षा चुनौतियां एवं समाधान विषय पर परिचर्चा

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आज हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर के राजनीति विज्ञान विभाग में “भारत में सड़क सुरक्षा चुनौतियां एवं समाधान” विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एमएम सेमवाल ने सड़क सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और कहा कि आज उत्तराखंड राज्य कल्याणकारी राज्य से सुरक्षा राज्य बन गया है। अतः राज्य का यह कर्तव्य है कि वह व्यक्ति की सुरक्षा करे । अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि वाहन चालक अपने सभी दस्तावेजों को अपने स्मार्टफोन के डिजिटल लॉकर ऐप में रख सकते हैं जिससे वाहन चालक अतिरिक्त दस्तावेजों एवं भूलने की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। प्रोफेसर सेमवाल ने सड़कों पर ट्रैफिक की समस्या को दूर करने के लिए सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को बेहतर करने का सुझाव दिया। सड़क सुरक्षा की गंभीरता को प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिदिन लगभग 400 दुर्घटनाएं होती हैं । सड़क सुरक्षा हेतु जन जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में एम ए. तृतीय सेमेस्टर की छात्रा गंगा ने सड़क सुरक्षा के लिए नियमों के पालन को महत्वपूर्ण बताया, कुमारी ममता ने सड़क सुरक्षा के लिए सड़कों की बेहतर दशा को महत्वपूर्ण बताया वहीं शोध छात्रा कुमारी वर्षा ने सड़क सुरक्षा के लिए वाहन चालक की सावधानी एवं सतर्कता को महत्वपूर्ण माना। एम ए प्रथम सेमेस्टर के छात्र अंकित ने पैदल यात्रियों को सड़क में आने वाली परेशानियों के विषय में बताया । कुमारी भारती ने मोटर वाहन अधिनियम 2019 को सरकार की स्वागत योग्य पहल बताया और चालक के भय को सड़क सुरक्षा सुनिश्चित होने की आशा बताया।

पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर हिमांशु बौड़ाई ने सड़क के इतिहास पर संक्षिप्त प्रकाश डाला । उन्होंने अपने निजी अनुभवों के आधार पर बताया कि पश्चिमी देशों में लोगों द्वारा ट्रैफिक नियमों का धार्मिक विश्वास की तरह पालन किया जाता है । प्रोफेसर बौड़ाई ने भारत की बड़ी जनसंख्या एवं संकरी सड़कों को सुरक्षा में बाधक बताया । उन्होंने कहा कि यातायात नियमों में सर्वाधिक पैदल यात्रियों एवं साइकिल सवारों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाना चाहिए । अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए प्रोफेसर बौड़ाई ने कहा कि अधिक चालान एक सीमित समाधान है । वाहन को जप्त करना एवं जनता में जागरूकता सड़क सुरक्षा हेतु अधिक प्रभावी उपाय है।

एम ए प्रथम सेमेस्टर की छात्रा पूजा बत्रा ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सड़क सुरक्षा के उपायों को बताया । छात्रा ने रिपोर्ट में सड़क दुर्घटना में शराब पीकर वाहन चलाने को सबसे बड़ा कारण बताया। शोध छात्र सुभाष ने सड़कों के सुनियोजित एवं क्रमवद्ध विकास को सड़क सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना।

परिचर्चा के अवसर पर एम ए सेमेस्टर एवं सभी शोध छात्रों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में डॉ मनीष मिश्रा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा महत्वपूर्ण विषय है। क्योंकि भारत में सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा युवाओं की मौत होती है जिसे सड़क सुरक्षा पर ध्यान देकर रोका जा सकता है।

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