केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डाॅ रमेश पोखरियाल निशंक का जीवन परिचय

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उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्ष 2014 से 2019 तक हरिद्वार के सांसद रहे एवं पुनः हरिद्वार लोकसभा सीट से विजयी हुए डॉ रमेश पोखरियाल निशंक का जीवन परिचय निम्नवत है_

डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘‘निशंक’’
जन्मतिथि : 15 अगस्त 1959
जन्मस्थान : ग्राम-पिनानी, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड।
पता : 37/1 विजय कॉलोनी, रवीन्द्र नाथ टैगोर मार्ग, देहरादून, उत्तराखण्ड, 248001
शैक्षिक योग्यता : स्नातकोत्तर, पी.एच.डी.
दूरभाष : 0135-2750114, 2755899
ई-मेल : [email protected], [email protected]
सम्प्रति कार्य क्षेत्र : राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी, साहित्य, सामाजिक कार्य, पत्रकारिता, राजनीति और अन्य रचनात्मक कार्य।

राजनीतिक सफरः-
1991, 1993 एवं 1996 कर्णप्रयाग विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित।
1997 उत्तर प्रदेश सरकार में पर्वतीय विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे।
1998 उत्तर प्रदेश सरकार में संस्कृति, धर्मस्व और कला विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे।
2000 नवगठित उत्तरांचल राज्य के प्रथम वित्त मंत्री के रूप में पदभार संभाला। साथ ही ग्राम्य विकास, चिकित्सा शिक्षा तथा राजस्व समेत 12 अन्य विभागों अतिरिक्त पदभार ग्रहण किया।
2007 उत्तराखण्ड सरकार में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आयुष, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे।
27 जून 2009- 10 सितंबर 2011 तक उत्तराखण्ड के पाँचवें मुख्यमंत्री।
2 अक्टूबर 2011 भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त।
6 फरवरी 2012 राज्य की डोईवाला विधानसभा सीट से पुनः भारतीय जनता पार्टी के विधायक निर्वाचित।
वर्ष 2014 में सांसद (हरिद्वार लोकसाभा सीट) निर्वाचित।उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्ष 2014 से 2019 तक हरिद्वार के सांसद रहे तथा पुनः 2019 में हरिद्वार लोकसभा सीट से विजई होकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के पद पर आसीन हुए।


साहित्य सृजन- डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ मौलिक रूप से साहित्यिक विधा के व्यक्ति हैं। अब तक हिन्दी साहित्य की तमाम विधाओं (कविता, उपन्यास, खण्ड काव्य, लघु कहानी, यात्रा साहित्य आदि) में प्रकाशित उनकी कृतियों ने उन्हें हिन्दी साहित्य में सम्मानजनक स्थान दिलाया है। राष्ट्रवाद की भावना उनमें कूट-कूट कर भरी हुई है। यही कारण है कि उनका नाम राष्ट्रकवियों की श्रेणी में शामिल है। यह डॉ0 निशंक’ के साहित्य की प्रासंगिकता और मौलिकता है कि अब तक उनके साहित्य को विश्व की कई भाषाओं (जर्मन, अंग्रेजी, फ्रैंच, तेलुगु, मलयालम, मराठी आदि) में अनूदित किया जा चुका है। इसके अलावा उनके साहित्य को मद्रास, चेन्नई तथा हैंबर्ग विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।
उनके साहित्य पर अब तक कई शिक्षाविद् (डॉ0 श्यामधर तिवारी, डॉ0 विनय डबराल, डॉ0 नगेन्द्र, डॉ0 सविता मोहन, डॉ0 नन्द किशोर और डॉ0 सुधाकर तिवारी) शोध कार्य तथा पी.एचडी. रिपोर्ट लिख चुके हैं। अब भी डॉ0 ‘निश्ांक’ के साहित्य पर कई राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों (गढ़वाल विश्वविद्यालय, कुमाऊं विश्वविद्यालय, सागर विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश, रोहेलखण्ड विश्वविद्यालय, मद्रास विश्वविद्यालय, हैंबर्ग विश्वविद्यालय जर्मनी, लखनऊ विश्वविद्यालय तथा मेरठ विश्वविद्यालय) में शोध कार्य जारी है। डॉ0 ‘निशंक’ की प्रथम रचना कविता संग्रह समर्पण का प्रकाशन 1983 में हुआ था। तब से अब तक उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज भी तमाम व्यस्तताओं के बावजूद उनका लेखन जारी है।

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