*सदैव आभारी रहेंगे👉👉👉👉👉👉👉👉👉विधायक जी का मुख्यमंत्री जी को प्रार्थना पत्र,,, आखिर करें भी तो क्या करें?*

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आज थराली विधानसभा की विधायक मुन्नी देवी शाह ने पत्र लिखकर माननीय मुख्यमंत्री जी से प्रदेश से बाहर फंसे चमोली जनपद वासियों को घर लाने की कृपा करें

कुछ ऐसा ही पत्र कल कपकोट विधानसभा क्षेत्र के विधायक बलवंत भौंर्याल जी ने भी लिखा था

विपक्षी पार्टी के साथ ही सत्ताधारी पार्टी के विधायक निरंतर अपने मुख्यमंत्री जी से प्रदेश से बाहर लोगों को वापस लाने की प्रार्थना कर रहे हैं

शायद कुछ उम्मीद से ही!!

क्षेत्र की जनता की उम्मीद को अपने मुख्यमंत्री जी पर उम्मीद रख कर ही यह अनुनय विनय किया जा रहा है।

एक मामला तो ऐसा भी है👉👉👉👉👉👉👉
कि पति दून हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों की सेवा में लगे हैं और पत्नी बेटी सहित दिल्ली में फंसी है

क्या मामला है दून हॉस्पिटल केजी फार्मेसिस्ट श्री देवेंद्र सेमवाल का। उनकी पत्नी शशि सेमवाल और बेटी 21 मार्च से दिल्ली में है। पति दून अस्पताल में ड्यूटी दे रहे हैं। सवाल यह है कि ऐसे कोरोना वारियर के साथ इस वक्त उसकी पत्नी का होना आवश्यक नहीं है। यह महिला कई बार गुहार भी लगा चुकी।

एक पत्र ऐसा भी👉👉👉👉👉

27 अप्रैल, 2020

सेवा में
आदरणीय श्रीत्रिवेंद्रसिंहरावत_जी
माननीय मुख्यमंत्री,
उत्तराखंड सरकार,
देहरादून

विषय मुंबई में कोरोना की मार से अपनेपन की आस में टूटते-बिखरते-कराहते उत्तराखंड को आपसे उम्मीद !

आदरणीय मुख्यमंत्री जी सर्वप्रथम कौथिगफाउंडेशनमुंबई की ओर से आपको सादर अभिवादन।

विशेष, देश के शेष हिस्सों की तरह मुंबई में भी उत्तराखंड की बड़ी आबादी कैरोना के कारण खान-पान की बुनियादी सुविधाओं से तंगहाल है और उनके सामने अब भूख सबसे बड़ी चुनौती बन कर खड़ी हो गयी है।

आदरणीय महोदय मुंबई के गांवदेवी (भांडुप), खिंडीपाड़ा (मुलुंड), हनुमान नगर (कांदिवली), इंदिरा नगर (ठाणे), खार, जोगेश्वरी, गोरेगांव, वसई, विरार, नालासोपारा, नवी मुंबई और तमाम उपनगरों की पतली-पतली गलियों के छोटे-छोटे कमरों में 6-6, 7-7 की संख्या में रह रहे उत्तराखंडी युवाओं में घर लौटने की गहरी बेचैनी है। उनके सामने अब बस एक ही लक्ष्य है कि उन्हें हर हाल में उत्तराखण्ड अपने घर पंहुचना है।

यह सब उत्तराखंडी आनेवाले वक़्त को संभालने की स्थिति में बिल्कुल नहीं हैं।

महोदय मिनट-मिनट युवा साथियों और परिवार के बीच अपने बच्चों की तड़प को लाचारगी से देखते-झेलते उत्तराखंडियों को इस वक्त आपकी सख्त जरूरत है।

ग़र इस दिशा में तत्काल कोई पहल नहीं की गयी तो यह पीढ़ी गहरे अवसाद में चली जाएगी।

डर इस बात का है कि इनमें से कोई हालात के आगे टूट कर कोई अनहोनी न कर दे।

अब उम्मीद आपसे ही है कि आप इन्हें घर पहुंचाने में मदद करें।

कल आदरणीय श्रीउद्धवठाकरे_जी, मुख्यमंत्री (महाराष्ट्र) की घोषणा के बाद उनकी पल-पल टूटती उम्मीदों को ताकत मिली है। अतः सबकी नज़रें आपके स्नेह-पहल पर है।

शेष कौथिगफाउंडेशनमुंबई सामाजिक संगठन के नाते शहर के शीर्षस्थ प्रतिनिधियों के स्नेह-सहयोग से अब तक 1400 उत्तराखंडियों को खाद्य_सामग्री उपलब्ध करा चुका है और यह राहत अभियान निरंतर जारी है।

धन्यवाद !

कौथिगफाउंडेशनमुंबई

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