आस्था 👉 भगवान श्री बदरीनाथ जी के कपाट शीतकाल के लिए बंद हुए

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भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हुए।

आज कपाट बंद होने तक 9135 श्रद्धालु दर्शन को पहुंचे।

इस यात्रा वर्ष मैं कुल 1240929 तीर्थयात्री भगवान बद्रीविशाल के दर्शन को पहुंचे।

श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट आज रविवार, कर्क लग्न में शायंकाल 5 बजकर 13 मिनट को शीतकाल हेतु बंद कर दिये गये। इससे पूर्व प्रात:तीन बजे भगवान बद्रीविशाल का मंदिर खुल गया था। 3.30 बजे से अभिषेक पूजा शुरू हुई। 7.30 बजे बाल भोग के पश्चात दर्शन एवं प्रात:कालीन आरतियां शुरू हुई। ठीक 9 बजे राज भोग चढ़ाया गया। पुनः दर्शन चलते रहे । आज दिन के भोग के बाद मंदिर बंद नहीं किया गया ,दिन भर मंदिर दर्शन हेतु खुला रहा। आज मंदिर परिसर में मंदिर समिति ने भगवान बद्रीविशाल के क्षेत्रपाल श्री घंटाकर्ण महाराज जी एवं हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना की एवं प्रसाद चढ़ाया।

3.30 बजे से रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी द्वारा कपाट बंद करने की रश्म -प्रक्रियायें प्रारंभ की गयी। श्री उद्धव जी का मंदिर गर्भगृह से बाहर लाया गया। तत्पश्चात स्त्री भेष धारण कर मां लक्ष्मी को भगवान बद्रीविशाल के सानिध्य में विराजमान किया गया। इसके बाद श्री कुबेर जी मंदिर के गर्भगृह से बाहर मंदिर परिसर में पहुंचे।

इसके पश्चात रावल जी द्वारा भगवान बद्रीविशाल को घृतकंबल ओढ़ाया गया।

ठीक 5 बजकर 13 मिनट पर प्रशासन की उपस्थित में रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी द्वारा कपाट शीतकाल हेतु बंद कर दिये गये।

भगवान बद्रीनाथ जी के मंदिर को भब्यरुप से फूलों से सजाया गया है। इस अवसर पर 9135 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किये। इस यात्रा वर्ष 1240929 तीर्थयात्री बद्रीनाथ धाम पहुंचे।

इस अवसर पर श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल, सदस्य अरूण मैठाणी, राजपाल सिंह जड़धारी, राजपाल सिंह पुंडीर, श्रीमती चंद्रकला ध्यानी, धीरज पंचभैया मोनू, अनिल कंसल, ऋषि प्रसाद सती, मुख्य कार्याधिकारी, बी.डी.सिंह उप मुख्य कार्याधिकारी सुनील तिवारी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, अपर धर्माधिकारी सत्य प्रसाद चमोला, अपर धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविन्द्र भट्ट, ज्योतिष डिमरी, पंकज डिमरी एवं अधीशासी अभियंता अनिल ध्यानी, सहायक अभियंता विपिन तिवारी, मंदिर अधिकारी मोहन सती,सहायक मंदिर अधिकारी राजेन्द्र चौहान, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान, प्रबंधक राजेन्द्र सेमवाल, सहायक प्रबंधक अजय सती कमेटी सहायक संजय भट्ट, लेखाकार भूपेंद्र रावत, संजय चमोली, डा.हरीश गौड़, अतुल डिमरी, अनसुया नौटियाल,थानाध्यक्ष सत्येंद्र नेगी, एस आई गगन मैठाणी, दफेदार कृपाल सनवाल, हरीश जोशी आदि मौजूद रहे। कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को भब्यरुप से फूलों से सजाया। इस दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र भंडारी, जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी,केदारनाथ विधायक मनोज रावत, पूर्व विधायक ललित फरस्वाण, जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया, मंदिर समिति पूर्व सदस्य हरीश डिमरी, भाष्कर डिमरी, शिव प्रसाद डिमरी, जगदीश भट्ठ पुलिस -प्रशासन एवं सेना आईटीबीपी के अधिकारी भी भगवान बद्रीविशाल के दर्शन को पहुंचे।

दानीदाताओं गढ़वाल स्काट, सेना, आईटीबीपी एवं मंदिर समिति द्वारा भंडारे आयोजित किये गये। कल 18 नवंबर प्रात: 10 बजे श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी का पांडुकेश्वर तथा आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी का रावल जी के साथ नृसिंह मंदिर हेतु प्रस्थान एवं रात्रि विश्राम योग-ध्यान बदरी पांडुकेश्वर में होगा।
19 नवंबर प्रात:9.30 बजे आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी के साथ रावल जी का पांडुकेश्वर से नृसिंह मंदिर जोशीमठ आगमन होगा।

श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल एवं उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने श्री बद्रीनाथ यात्रा के सफल समापन पर सभी हक -हकूक धारियों, पुलिस- प्रशासन, सभी सरकारी विभागों, एवं तीर्थ यात्रियों का आभार जताया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री बदरीनाथ धाम स्थित श्री माता मूर्ति मंदिर एवं श्री भविष्य बदरी मंदिर सुभाई तपोवन के कपाट भी आज शीतकाल के लिए बंद कर दिये गये हैं।

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