श्री राम की कंसल्टेंसी में गुणवत्ता का मूल्यांकन — भरोसेमंद कदम

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लोक निर्माण विभाग में राज्य सेक्टर के अंतर्गत स्वीकृत 5 करोड़ से अधिक लागत के कार्यों की गुणवत्ता का मूल्यांकन श्री राम कंसल्टेंट प्रा लि से कराया जाएगा। अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि शासन स्तर पर सम्यक विचारोपरांत यह निर्णय लिया गया। इन कार्यों में नाबार्ड वित्त पोषित योजनाएं भी शामिल होंगी। मूल्यांकन दो चरणों में किया जाएगा। प्रथम चरण में 50% कार्य पूर्ण होने तथा द्वितीय चरण 100% कार्य पूर्ण होने पर मूल्यांकन का होगा।

अपर मुख्य सचिव मा. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत सड़क निर्माण, पुल निर्माण एवं भवन निर्माण आदि के कार्य कराये जाते हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य बनने के बाद प्रथम बार राज्य सेक्टर के अन्तर्गत स्वीकृत (नाबार्ड से वित्त पोषित योजनाओं सहित) रू 5.00 करोड़ से अधिक लागत के कार्यों की गुणवत्ता का मूल्यांकन श्री राम कन्सल्टैन्ट प्रा0 लि. से कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि विभागीय जाँच तो अधीक्षण अभियन्ता/मुख्य अभियन्ता से करायी जाती ही है। उन्होंने कहा कि यदि श्री राम कन्सल्टैन्ट प्रा. लि. द्वारा जाँचोपरान्त रिपोर्ट मिलने पर विभागीय जाँच करने वाले अधिकारियों की जाँच में पारदर्शिता नहीं मिलेगी तो उनके विरूद्ध भी कार्यवाही शासन स्तर पर की जायेगी।
लोक निमार्ण विभाग के टेक्निकल एड़वाईजर आर.पी.भट्ट ने बताया कि वर्ष 2014 से लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियन्ता एवं मुख्य अभियन्ता द्वारा जो कार्य उनको शासन/एच.ओ.डी. कार्यालय से आवंटित होते थे उनकी गुणवत्ता की जाँच उनके द्वारा की जाती थी।
उन्होंने बताया कि सामान्य रूप से एक मुख्य अभियन्ता को 04 कार्यों की जाँच तथा अधीक्षण अभियन्ता को भी 04 कार्यों की जाँच करने का आदेश शासन द्वारा जारी किया गया था, जो 03 प्रकार की श्रेणी की होती थी। प्रथम दृष्टतया संतोषजनक, द्वितीय कार्य में सुधार की आवश्यकता तथा तृतीय श्रेणी अधोमानक कार्य की है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में शासन स्तर से कुछ जाँचें उच्चाधिकारियों से करायी गयी तो पाया गया कि कुछ कार्यों की गुणवत्ता अधोमानक पायी गयी जब कि विभाग की तरफ से ऐसा कोई उल्लेख नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।

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