चारधाम विकास परिषद की बैठक में यात्रा को सुगम बनाने पर हुई चर्चा…

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यात्रियों की बढ़ती हुई संख्या के बजाय यात्रियों की सहूलियतों पर ध्यान केन्द्रित हो…..

आज दिनांक 14 अप्रैल को श्री बद्रीनाथ केदारनाथ (बी0के0टी0सी0) के देहरादून स्थित कार्यालय में चारधाम विकास परिषद की बैठक आयोजित की गई। बैठक चारधाम यात्रा के विषय में बी0के0टी0सी0 तथा अन्य मन्दिर समितियों के साथ चर्चा हेतु आयोजित की गई। बैठक में चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष व राज्य मंत्री शिव प्रसाद मंमगाईं, बी0के0टी0सी0 के मुख्य कार्याधिकारी बी0डी0 सिंह व कर्मचारी तथा पं0 जगमोहन उनियाल उपाध्यक्ष यमनोत्री मन्दिर समिति, अजय बहुगुणा सामाजिक कार्यकर्ता, डॉ0 जे0पी0 सेमवाल सामाजिक कार्यकर्ता आदि ने चर्चा में भाग लिया।

बैठक में श्री बी0डी0 सिंह ने बैठक के मुख्य उद्देश्य समझाते हुए कहा कि हमें यात्रा में यात्रियों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ इस बात पर भी ध्यान केन्द्रित करना चाहिए कि आने वाले श्रद्धालुओं को कैसे आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा सके। चारों धामों में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ हमारा व्यवहार कैसा रहे की वह हमारे लिए अधिक से अधिक सहयोगी बनें। ऐसी कार्य योजनाएं बनाई जाये जिससे कि दान-दाता अधिकाधिक दान दें व सुविधाएं जुटाने में सहयोग करें। श्रद्धालु आवश्यक निर्माण कार्यों में भी सहयोग कर सकते हैं। इसके अलावा पर्यावरण को स्वच्छ रखने के उपाय जुटाने मन्दिरों व रास्तों के सुधारीकरण में भी सहयोगी बन सकते हैं। हमारा व्यवहार ऐसा होना चाहिए कि श्रद्धालु बारंबार चारधाम यात्रा पर आयें।

बी0डी0 सिंह ने बताया है कि अभी तक श्री बद्रीनाथ धाम में प्रतिदिन लगभग 15 हजार यात्रियों के ठहरने, खाने व शौच आदि की व्यवस्था है हमारा ध्यान इस ओर होना चाहिए कि जिस दिन यहाँ एक दिन में 50 हजार तक श्रद्धालु आये तो उस दिन व्यवस्था कैसे प्रबन्धित हों हमारे प्रयास हों कि हम 50 हजार श्रद्धालुओं को समस्त सुविधाएं प्रदान कर पाने में सक्षम हो। इसी प्रकार श्री केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 5000 श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं प्राप्त हो सकती है।

उन्होंने कहा कि परम्पराओं में परिवर्तन किया जा सकता है संस्कृति में नहीं। यथा अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति देखते हुए भगवान के दर्शनों का समय बदला व बढ़ाया जा सकता है यद्यपि पूजा पद्धति से कोई छेड़-छाड़ न की जाए जिससे संस्कृति बची रहेगी उन्होंने सुझाव दिया की यदि यात्री पहले श्री बद्रीनाथ धाम या श्री केदारनाथ धाम में आये तो उन्हें श्री यमनोत्री व श्री गंगोत्री धामों की यात्रा हेतु भी प्रोत्साहित व प्रेरित किया जाए जिससे कि श्रद्धालुओं का रिवर्स रोटेशन हो। ऐसा जरूरी नहीं है कि जो यात्री पहले बद्रीनाथ या केदारनाथ धामों में आये वे वापस गंगोत्री व यमनोत्री धाम नहीं जा सकते उन्होंने बताया कि चार मुख्य धामों के अतिरिक्त भी हमारे अनेक धार्मिक स्थल है और सिद्ध पीठ है जिनके दर्शनों हेतु भी यात्रियों को जानकारी देते हुए प्रेरित किया जाना चाहिए।

बी0डी0 सिंह ने बताया कि श्री बदीनाथ व श्री केदाननाथ धामों के यात्रा मार्गों में 88 प्रकार के आय सृजक रोजगार किए जा रहे हैं जिन से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से 17 लाख 60 हजार लोगों का भरण- पोषण होता है।
बैठक में श्री शिव प्रसाद मंमगाईं ने कहा कि –
> चारधाम विकास परिषद चारों धामों में सुविधाएं बढ़ाने हेतु अच्छी पहल कर सकता है।
> देवभूमि उत्तराखण्ड में अनेकानेक धार्मिक स्थलों, सिद्ध पीठों के दर्शनों व 5 प्रयागों में स्नान का महात्म्य है हमें इन स्थानों तक चार धामों के यात्रियों को जानकारी बढ़ाते हुए पहुँचाने के लिए जागरूक व प्रेरित करना होगा।
> हमारी कुछ परम्पराऐं रूढीवादी है, भ्रामक है। हमें इन में भी सुधार करना होगा। यह आवश्यक नहीं कि चारधाम कि यात्रा पर आये श्रद्धालु पहले यमनोत्री ही जाये। सीधा श्री बद्रीनाथ या श्री केदारनाथ धाम आने वाले यात्री यहाँ से श्री गंगोत्री व श्री यमनोत्री धामों के दर्शनों हेतु भी जा सकते है। इस हेतु उन्हें प्रेरित करना होगा।
> प्रयागों में स्नान के महात्म्य की जानकारी आम श्रद्धालुओं को दी जाए तो वे वहाँ स्नान को आवश्य जायेंगे।

> छोटे-छोटे देवी देवताओं के मन्दिर के महात्म्य की जानकारियां मिले तो चारधाम को आने वाले श्रद्धालु आवश्य ही इन जगहों पर जायेंगे व तीर्थटन को बढ़ावा मिलेगा।
चर्चा में सामाजिक कार्यकर्ता अजय बहुगुणा ने सुझाव दिए कि चारधाम यात्रा में यात्रियों के बायोमैट्रिक हेतु एप बनाकर इस प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकता है। इसके अलावा यात्रा सीजन में चारधाम रोड़ निर्माण (कटिंग) के कार्य पूर्ण रूप से बंद रहें।
बैठक में राकेश सेमवाल विशेष कार्याधिकारी बी0के0टी0सी0, प्रमोद नौटियाल निजी सचिव सी0ई0ओ0 बी0के0टी0सी0, अनिल ध्यानी अधि0 अभि0 बी0के0टी0सी0 आदि उपस्थित रहे।

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