जानिये सांसद प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत के बारे में…

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तीरथ सिंह रावत
जन्म तिथि-09 अप्रैल 1963
एम.ए. समाजशास्त्र
ग्राम – सिरों, वाया सतपुली, पौड़ी,
HIG.12, इन्द्रापुरम, देहरादून
सम्पर्क-94120004626

पूर्व में किन-किन पदों पर आसीन रहे-
> वर्ष 1983 से 1988 तक संघ प्रचारक।
> वर्ष 1990 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व विद्यालय संगठन मंत्री।
> वर्ष 1992-96 में संगठन मंत्री उत्तराखण्ड अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद।
> वर्ष 1995-98 में प्रदेश उपाध्यक्ष ;उ.प्र.द्ध भाजपा युवा मोर्चा।
> वर्ष 1998 में एम.एल.सी. उत्तर प्रदेश विधान परिषद।
> वर्ष 2000 में उत्तरांचल राज्य गठन के बाद शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार।
> वर्ष 2012-17 विधायक चौब्बट्ाखाल।
> 09 फरवरी 2013 से 31 दिसम्बर 2015 तक प्रदेश अध्यक्ष भाजपा उत्तराखण्ड।
> राष्ट्रीय सचिव भाजपा।

जीवन के प्रमुख आन्दोलनों का विवरण-

> आरक्षण के विरूद्ध आन्दोलन में सक्रिय भूमिका।
> राम जन्म भूमि आन्दोलन-21 दिन की जेल यात्रा।
> अयोध्या राम मन्दिर आन्दोलन।
> उत्तराखण्ड राज्य प्राप्ति आन्दोलन में सक्रिय भूमिका।

राज्य विकास के विषयों पर इनकी सोच
बेरोजगारी के सवाल परः-
> लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर बेरोजगारी कम की जा सकती है। जगह-जगह फैक्ट्रियाँ लगें।

पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन के सवाल परः-
> पर्वतीय क्षेत्रों में स्वैच्छिक चकबन्दी से ड्डषि उत्पादन की स्थिति सुधर सकती है।
> कृषि उत्पादों के विपणन व रख-रखाव की पर्याप्त व्यवस्था हो। जगह-जगह कोल्ड स्टोरेज़ स्थापित हों।

राज्य के विकास का स्वरूपः-
> राज्य के युवाओं की सोच नौकरी आधारित हो गयी है। कृषि से भी आय प्राप्त की जा सकती है। परन्तु इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।
> छोटी-छोटी जल विद्युत परियोजनाओं से ऊर्जा विकास होता रहे। प्रयास ऐसे हों कि आस्था भी बची रहे और विकास भी हो।
पर्यटन विकास के सवाल परः-
> पर्यटन विकास में हम अभी बहुत पीछे हैं। पर्यटन स्थलों को विकसित किया ही नहीं गया।
>पर्यटन सिर्फ तीर्थाटन तक सीमित रह गया है। उसमें भी हम यात्रियों को सुविधायें नहीं दे पा रहे हैं।
> धार्मिक पहचान को या तीर्थाटन की पहचान को व्यापक स्तर तक बढ़ाने के लिए

कृषि विकास के सवाल परः-
> कृषि कार्य हेतु आधारित परम्परागत तरीके से किया जा रहा है। यदि नगदी फसलों पर अधिक ध्यान दिया जाए तो कृषि कार्य लाभप्रद होगा।
> स्थान विशेष की जलवायु के हिसाब से उद्यान विकास को बढ़ावा मिले।
> सरकार की किसानों के लिए अनुदान वाली योजनाओं को प्रचार-प्रसार नहीं मिल रहा है। यदि किसान विविध योजनाओं का लाभ लें तो विकास होगा।

विकास हेतु परियोजनायेंंः-
> जल विद्युत परियोजनायें विकास के लिए आवश्यक हैं। छोटी-छोटी परियोजनायें निर्मित की जायें।

आपके संघर्षों की कहानीः-
> तीन भाई और तीन बहनों में सबसे छोटा हूँ। सभी का सहयोग व प्यार मिलता था। पढ़ाई में कोई अड़चन नहीं थी। पिता जी रेलवे में नौकरी पर थे तो कभी आर्थिक परेशानी भी नहीं हुई। मैं छात्र जीवन से ही आगे बढ़ कर नेतृत्व करता था। इण्टर कॉलेज जयहरीखाल में जी.एस. रहा। इसके अलावा एन.सी.सी. अण्डर ऑफिसर रहा। गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर परिसर का छात्र संघ अध्यक्ष रहा। इस दौरान परिसर सुधारो आन्दोलन चलाया। इससे बड़ा परिवर्तन आया। राजनैतिक कद बढ़ाने में भाजपा ने अवसर दिये। एम.एल.सी. बना, मंत्री बना, और अब विधायक हूँ। मुझमें जज्बा है कि समाज की सेवा करता रहूँ।

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